तीन गुरूओ की जिदंगी बदलने वाली सीख
Teen guru ki kahani hindi : प्राचीन समय की बात है, किसी गांव में एक पहुचे हुये संत रहते थे । पूरे गांव के लोग उनके पास सलाह,शिक्षा और सत्ंसग आते थे। एक दिन गांव के एक युवक ने गुरू जी से सवाल किया कि “गुरु जी आपके गुरु कौन थें ?
आपने कहां शिक्षा-दीक्षा प्राप्त की थी ?” संत उस जिज्ञासु युवक का सवाल सुन प्रसन्न हुये ओर कहा कि भाई “मेरे तो बहुत सारे गुरु (Tecahers) ”! यदि मै तुमको उनके नाम बताने लग जाउ तो काफी समय लग जायेगा फिर भी में तुम्हे अपने उन तीन गुरु के बारे जरूर बताउंगा जिनके बारे में सुनकर तुम्हे काफी ज्ञान प्राप्त हो जायेगा ।
पहला गुरू: Teen guru ki kahani hind
एक चोर था। एक बार मैं रास्ता भटक गया था और जब दूर किसी नगर में पंहुचा तो बहुत देर हो गयी थी। सारा बाजार बंद हो गया था,घर और दुकाने बंद हो चुकी थी।
बाजार में घूमते घूमते काफी रात हो गयी थी लेकिन कोई दिखायी नहीं दे रहा था, परतु कुछ समय बाद मुझे कुछ दूर खट-खट की आवाज सुनाई दी, जब में उस अधेरे में पहुचा तो वहा देखा कि एक रात के अधेंंरे में एक चोर (Pahle guru)दुकान में सेध लगाने की काशिश कर रहा था। मैने उससे कहा कि भाई यहां कोई रात गुजराने की जगह है? तो वह व्यक्ति बोला कि आधी रात हो गयी है अब यहां कौन आपको अपने घर में शरण देगा ।
इस समय आपको कहीं आसरा मिलना बहुत कठिन होंगा, लेकिन आप चाहे तो मेरे साथ मेरे घर में रह सकते हो । वैसे में आपको बता दू कि में चोरी का काम करता हूँ और एक चोर हूँ । अगर आपको मेरे साथ रहने में कोई ऐतराज ना हो तो मेरे घर पर मेरे साथ रहो । “वह चोर (Pahle guru) इतना प्रभावशाली था कि मैं उसके घर में एक महीने तक रूका ! वह हर रात चोरी करने जाते समय कहता कि में काम पर जाता हूं आप आराम करो, प्रार्थना करों और जब वह अलसुबह वापस आता तो मैं उससे पूछता कि तुम्हे कुछ मिला क्या ?
तब वह जबाव देता कि आज तो नहीं पर ईश्वर ने चाहा तो बहुत जल्दी मिलेगा, वह चोर कभी भी निराशावादी, उदासी की बाते नहीं कहता वह हमेशा पॉजिटव (positivebate.com) रहता था और हमेशा खुश रहता था ।
जब मुझे परमात्मा का ध्यान करते हुए कई साल हो गये और बार बार वही प्रयास,ध्यान करते हुये भी मुझे कुछ प्राप्त नहीं हो रहा था, तब कई बार ऐसे पल आये जब में बिल्कुल निराश,हताश होने लगा,
और ध्यान साधना छोडकर बैठ जाने की बाते सोचना लगता तब मुझे उस चोर (Pahle guru) पहले गुरू (Teen guru ki kahani hind) की कही बात याद आ जाती कि जो यह मानता था कि ईश्वर ने चाहा तो जल्दी कुछ मिलेगा।
ये मुझे अपने पहले गुरु से मिली सीख थी, जिसे अपनाने के बाद मुझे सफलता प्राप्त हुयी ।
दूसरा गुरू-Teen guru ki kahani hind
मेरा दूसरा टीचर (गुरु) एक कुत्ता था। एक बार बहुत तेज की गर्मी पड रही थी, प्यास के मारे मेरा गला सुखा जा रहा था, पानी की खोज में में यहाँ से वहाँ घूम रहा था कि अचानक एक कुत्ता (Dusra guru)दौडते हुये मेरे सामने से गुजरा, वह बहुत तेजी से गर्मी के कारण हॉंफ रहा था, थोडी दूर पर एक नदी के पास पहुच गया मैने भी उसे देखा और पीछे-पीछे में भी नदी के पास पहुच गया ।
पर मैने देखा कि बहुत ज्यादा प्यास होने के बावजूद वह कुत्ता (Dusra guru) उस नदी के पास जाता और पीछे हट जाता, जबकि उसे बहुत तेज प्यास लग रही थी. जब मेने उसका कारण जानना चाहा तो मालूम पडा कि वह कुत्ता नदी में अपनी परछाई देखकर डरकर पीछे हट जाता था,और भौकंने लगता था,
आखिरकार अपनी प्यास पर कट्रोल ना कर पाने के कारण अपने डर को दरकिनार कर वह पानी में कूद गया पानी में कूदते ही उसकी परछाई गायब हो गयी और उसने आराम से पानी पीकर अपनी प्यास बुझाई ।
उस समय उस कुत्ते रूपी दूसरे गुरू (Teen guru ki kahani hind) की इस हिम्मत को देखकर मुझे जिदंगी की बहुत बडी सीख मिली कि यदि आप अपने डर का हिम्मत के साथ सामना करते हें.
और डर के बावजूद छंलाग देते है तो वह व्यक्ति सफलता प्राप्त करता है, एक बार छंलाग (Jump)लगा लेने पर आप देखते है कि डरने के लिये कुछ होता ही नहीं है,डर केवल तभी तक होता है, जब तक आप इससे डरते है।
तीसरा गुरू- Teen guru ki kahani hind
और मेरे तीसरे टीचर (गुरू) एक छोटा बच्चा (Tisra guru) था, जब में एक गांव से निकल रहा था, तब मैंने देखा कि एक छोटा सा बच्चा एक मोमबत्ती जलाकर ले जा रहा था, उसे वह पास के किसी गिरजाघर में लगाने जा रहा था।
मैने उससे मजाक करने मकसद से पूछा कि यह मोमबत्ती तुमने जलाई है क्या ? उस बालक ने जबाव दिया, जी हां इसे मैंने ही जलाया है। तब मैने उससे कहा कि एक पल था जब यह मोमबत्ती बुझी हुयी थी.
और फिर कुछ समय बाद ऐसा क्षण आया जब यह मोमबत्ती जल गयी थी, बेटा (Tisra guru) क्या तुम मुझे वह माध्यम (स्त्रोत) दिखा सकते हो,जहाँ से वह ज्योति प्रकाश आयी ?
” वह बच्चा (Tisra guru) बहुत तेजी से हंसा और उसने हसते हुये मोमबत्ती को फूक मारकर बुछा दिया और मेरी तरफ देखकर हसंते हुये पूछा कि आपने तो प्रकाश को जाते हुये देखा आप बहुत पहुचे हुये संत मुझे दिखाई दे रहे है आप मुझे उत्तर दीजिये कि वह प्रकाश, ज्योति कहा गयी ? “
“ बेटा उस बच्चे रूपी तीसरे गुरू (Teen guru ki kahani hind) की बात के बाद से मेरा अहंकार चूर-चूर हो गया, मेरा सारा ज्ञान धमिल हो गया । ठीक उसी पल मुझे अपनी मूर्खता का एहसास हुआ ।“
शिष्य होने का मतलब क्या है ? इसका क्या अर्थ है । हर चीज को पूरे खुले मन से स्वीकार करना चाहिये । हमेशा , हर तरफ से , हर समय सीखने को हमेशा तत्पर रहना चहिये। जीवन का हर पल, हमेशा हमें कुछ ना कुछ सीखने का अवसर देता रहता है ।
Teen guru ki kahani hind
हमें जिदंगी में हमेशा स्वीकार भाव से एक अच्छा विधार्थी (शिष्य) बनकर अच्छी बातो को सीखते रहना चाहिये । जीवन में आने वाली यह बहुमूल्य सीखे हमें हर दिन किसी ना किसी रूप में किसी से भी प्राप्त हो सकती है,जिदंगी में यह सीख देने वाले हमारे लिये गुरूओं के समान ही होते है।
यह हम पर डिपेड करता है कि हम एक गुरु की तरह, शिष्य होकर दूसरो से मिली शिक्षा ग्रहण कर पा रहे है या नहीं ।
कहानी के सार के अन्तर्गत दोस्तो हम यह सबक ले सकते है कि जीवन में परेशानियां और दुख आती जाती रहती है, अगर आपके जिदंगी में कोई परेशानी,दुख अभी चल रहा है तो आप निराश न होये, संयम धैर्य से इस कठिन समय को गुजर जाने दे उम्मीद, भरोसा बनाये रखिये कि अच्छा समय भी जरूर आयेगा। ज
जिस प्रकार हर रात के बाद दिन निकलता है, असफलता के बाद सफलता मिलती है, उसी प्रार अपने डर,परेशानी का डटकर सामना कीजिये, यकीन मानिये जब आप अपने डर की तरफ देखते है, उसका सामना करते है, तो वह एकदम गायब हो जाता है.
Teen guru ki kahani hind
ठीक उस कुत्ते की तरह जिसने आखिकार डरते डरते पानी में छलाग लगा दी औरउसका डर(परछाई ) गायब हो गयी और वह अपनी प्यास बुझााने में कामयाब हो गया ।
ये छोटी सी आपको कैसी लगी हमे कंमेंट् मे जरूर बताएं और इसे share करना ना भूले।
In opanion:
दोस्तो ये थी आज की तीन गुरूओ की जिदंगी बदलने वाली सीख (teen guru ki kahani hindi) उम्मीद है आपको आज की कहानी teen guru ki kahani hindi आयी होगी । इसी तरह की और प्रेरणादायक,मोटिवेशनल कहानियों के लिये आप सभी दोस्तो का अपने ब्लॉंग पॉंजिटव बातें Positvebate.com पर हार्दिक स्वागत है ।
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धन्यवाद।
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