तीन गांठे भगवान बुद्ध । Teen Ganthen Bhagwan Buddha best 1 । Gautam Buddha Story in Hindi best one

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तीन गांठें भगवान बुद्ध प्रेरक कहानी 


Teen Ganthen Bhagwan Buddha: Gautam Buddha Story in Hindi, भगवान बुद्ध (गौतम बुद्ध)
अक्सर अपने शिष्यों को शिक्षा प्रदान किया करते थे। एक दिन प्रातः काल बहुत से भिक्षुक उनका प्रवचन सुनने के लिए बैठे थे ।बुद्ध समय पर सभा में पहुंचेपर आज शिष्य उन्हें देखकर चकित थे क्योंकि आज पहली बार वे अपने हाथ में कुछ लेकर आए थे। करीब आने पर शिष्यों ने देखा कि उनके हाथ में एक रस्सी थी।

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Teen Ganthen Bhagwan Buddha

बुद्ध ने आसन ग्रहण किया और बिना किसी से कुछ कहे वे रस्सी में गांठें लगाने लगे ।वहाँ उपस्थित सभी लोग यह देख सोच रहे थे कि अब बुद्ध आगे क्या करेंगे तभी बुद्ध ने सभी से एक प्रश्न किया, ‘ मैंने इस रस्सी में तीन गांठें Teen Ganthen Bhagwan Buddha लगा दी हैं

भगवान बुद्ध की प्रेरक कहानी-Teen Ganthen Bhagwan Buddha

अब मैं आपसे ये जानना चाहता हूँ कि क्या यह वही रस्सी हैजो तीन गाँठें लगाने से पूर्व थी ?’एक शिष्य ने उत्तर में कहा,” गुरूजी इसका उत्तर देना थोड़ा कठिन हैये वास्तव में हमारे देखने के तरीके पर निर्भर है।
एक दृष्टिकोण से  देखें तो रस्सी वही है,इसमें कोई बदलाव नहीं आया है । दूसरी तरह से देखें तो अब इसमें तीन गांठें (गांठ) लगी हुई हैं जो पहले नहीं थींअतः इसे बदला हुआ कह सकते हैं।  पर ये बात भी ध्यान देने वाली है.
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Gautam Buddha Story in Hindi
कि बाहर से देखने में भले ही ये बदली हुई प्रतीत हो पर अंदर से तो ये वही है जो पहले थी; इसका बुनियादी  स्वरुप अपरिवर्तित है। सत्य है ! बुद्ध ने कहा,” अब मैं इन गांठों को खोल देता हूँ।
” यह कहकर बुद्ध रस्सी के दोनों सिरों को एक दुसरे से दूर खींचने लगे। उन्होंने पुछा, “तुम्हें क्या लगता हैइस प्रकार इन्हें खींचने से क्या मैं इन गांठों को खोल सकता हूँ?” 
नहीं-नहींऐसा करने से तो या गांठें तो और भी कस जाएंगी,  और इन्हे खोलना और मुश्किल हो जाएगा। एक शिष्य ने शीघ्रता से उत्तर दिया।बुद्ध ने कहा, ‘ठीक है’ अब एक आखिरी प्रश्नबताओ इन गांठों को खोलने के लिए हमें क्या करना होगा ?
शिष्य बोला,”इसके लिए हमें इन गांठों को गौर से देखना होगा ताकि हम जान सकें कि इन्हे कैसे लगाया गया थाऔर फिर हम इन्हे खोलने का प्रयास कर सकते हैं। 

भगवान बुद्ध की प्रेरक कहानी-Lord buddha motivational story in hindi

मैं यही तो सुनना चाहता था। मूल प्रश्न यही है कि जिस समस्या में तुम फंसे हो,वास्तव में उसका कारण क्या हैबिना  कारण जाने निवारण असम्भव है।

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Teen Ganthen Bhagwan Buddha


मैं देखता हूँ कि अधिकतर लोग बिना कारण जाने ही निवारण करना चाहते हैं,कोई मुझसे ये नहीं पूछता कि मुझे क्रोध क्यों आता हैलोग पूछते हैं कि मैं अपने क्रोध का अंत कैसे करूँ कोई यह प्रश्न नहीं करता कि,
मेरे अंदर अंहकार का बीज कहाँ से आयालोग पूछते हैं कि मैं अपना अहंकार कैसे ख़त्म करूँ ?प्रिय शिष्यों 

तीन गांठे भगवान बुद्ध – Gautam Buddha Story in Hindi

जिस  प्रकार रस्सी में में गांठें लग जाने पर भी उसका बुनियादी स्वरुप नहीं बदलता उसी प्रकार मनुष्य में भी कुछ विकार आ  जाने से उसके अंदर से अच्छाई के बीज ख़त्म नहीं होते। जैसे हम रस्सी की गांठें खोल सकते हैं वैसे ही हम मनुष्य की समस्याएं भी हल कर सकते हैं। 

इस बात को समझो कि जीवन है तो समस्याएं भी होंगी ही और समस्याएं हैं तो समाधान भी अवश्य होगाआवश्यकता है कि हम  किसी भी समस्या के कारण को अच्छी तरह से जानेंनिवारण स्वतः ही प्राप्त हो जाएगा महात्मा बुद्ध ने अपनी  बात पूरी की।

दोस्‍तो आज की  Teen Ganthen Bhagwan Buddha  आपको कैसे लगी, क‍िस प्रकार इस कहानी Gautam Buddha Story in Hindi / Buddhist Motivational Story in Hindi ने आपको प्रेरित क‍िया. कृप्‍या Comment Box  मे जाकर अपना अनुभव बताये.हमें आपके सुझावों,राय का स्‍वागत करते है. 

 

अच्‍छा दोस्‍तो म‍िलते है अगली बार क‍िसी ऐसी ही Inspirational Post,Motivational कहानी के साथ,तब तक के ल‍िये Stay happy,नमस्‍कार,जय हिंद.

 

warms & regards 

Positivebate

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