तनाव के कारण-Tanav ka karan in hindi

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 हैलो दोस्‍तो,

  तनाव के कारण-Tanav ka karan in hindi:  ये मेरी आपके लिए पहली पोस्‍ट है, Tanav ke nuksan दोस्‍तो आजकल की भाग-दौड़ भरी जिंदगी में हमारा तनाव (चैलेंज) लगातार बढ़ते  रहते है,चाहे Social life में,personal life में,Office life में, Business life में हों, यहॉं ये तनाव हमेशा हमारी चुनौतियॉं बढ़ाता रहता हैं,.

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Tanav ka karan in hindi
समझदार लोग इस तनाव से बचने के लिए अपनी Knowledge ,Efforts, & Experience को लगातार बढ़ाते रहते है इसके लिए वे Seminar Attend करते है, Hobbiesविकसित करते है, Laughter Club join करते है लेकिन तब भी लोग जब भी  किसी चुनौती  में फसतें है, तो हमारा पूर्व का 

 

अनुभव हमारे किसी काम नही आता और हम बहुत बार हम अपने आपको परिस्थ्‍ितियों के सामने बेबस समझते है,यदि आपके साथ भी ऐसा होता है, तो इस उपयोगी लेख को जरूर पढें।

 

                                                      

 

 जब  भी हम किसी परेशानी,चुनौती से या मुसीबत से गुजर रहे होते तो हम में से अधिकतर लोग अपने विवेक(शातिं)को खो देते है और जैसे ही हमारे दिमाग की शातिं जाती है तो हम अदंर अशातिं (Negative fellings)  अपना घर बना लेती है, जिससे हम किसी भी कार्य को  सही तरीके से कर नही पातें और कुठां का शिकार हो  जाते हैं।
 

* तनाव के कारण-Tanav ka karan

जब हम Negativity  से भरे हुए होते है तो इसका मतलब है कि उस समय हम हमारे अदरं किये Negative emotion बहुत ज्‍यादा हावी  होते है जिनको हम जाने-अनजाने carry करते है,चाहें वो Emotions,Anger  हों,Fear हों ,Anxiety हों या insecurity है,
तो इसका अर्थ है कि उस समय हम किसी भी स्थ्‍िति को Face करने के लिए मानसिक रूप से तैयार नहीं है,क्‍योंकि Negative Emotions हमें कमजोर करते है कमजोर करने से मतलब है.
कि हमारे Intelligence, Negative Emotions में Comport रूप से कार्य नही कर पातें,आदमी का दिमाग  कुछ इस तरह से programmed है यदि आप Negative Emotions में हो तो आपके लिए हुएनिर्णय गलत होगे।

 

 
*भगवान श्रीकष्‍ण ने भी  गीता में कहा है:

                                               

कि Negative Emotions हमारे विवेक को खा जाते है यदि हमारा  विवेक (बुद्धिमत्‍ता) काम नही करगें तो हमें

नये  रास्‍ते  नहीं दिखाई देगें और हम उन्‍ही रास्‍ते में भटक जाएगे,खो जोऐगे,हम समस्‍या को बड़ा और अपने आपको छाेटा समझने लगेगे हम Situation को ब्रेक नही कर पाऐगेंSituation को अपने आपको ब्रेक करते हुऐ देखने लगेगे.
ठीक यही से हमारी हार शुरू हो जाती है और यही से हमारी परेशनियॉं बनने लगती  है
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 तनाव के कारण 

 इसे थोडा सा आध्‍यात्मिक पहलू से  समझते है दोस्‍तो तब भी हम  किसी चुनौती में,समस्‍या में,मुसीबत में 
फंसते है तो उससे ऊबरनेके लिए,बाहर आने के लिए हमें किसी के साथ की जरूरत होती है.
जो हमारा साथ दे.
हमारे साथ चल सके.
हमें रास्‍ता दिखा सकें.
हमारे साथ रह सके.
हमारा confidence लगातार बढ़ा सके.
 
और  दोस्‍तों सबसे बड़ा साथ उस परमात्‍मा,अल्‍लाह,गौड,ईश्‍वर के अलावा या जिस शक्ति में आप भरोसा करते है,उसके अलावा किसी और का नही हो सकता.
वो हमारे साथ है तो निश्चित रूप से हमें रास्‍ता दिखता है वो किसी ना किसी के माध्‍यम के हमारे साथ चलता है ,हमसे बात करता है,हमें रास्‍ता दिखाता है और हमें उस चुनौती से,समस्‍या से,मुसीबत से  बाहर निकालता है.
लेकिनसाथियों उसकी भी अपनी एक मजबूरी है उसकी मजबूरी है कि वह केवल और केवल शातिपूर्ण वातावरण के अदंर ही उतरता है,वो शांत चित के अंदर ही आता है,शांत चित के अंदर ही निवास करता है.
अब जरूरत है कि किस तरह से हम अपने आपको मुसीबत के समय,चुुुुनौतियों के समय,या उस समय पर जब हम प्रतिकूल परिस्थितियां से गुजर रहे है, अपने आपको शांत रख सके अपने अंदर की शातिं को Maintain रख सके,
 

*अवसर की पहचान कहानी

प्रतियोगिता  की भावना:
दोस्‍तों आज जो भी लोग आपके आस-पड़ोस के,स्‍कूल,काॅँँलेज के, आपकी successful list  में है आप देखेगे कि इनमें से अधिकतर वो  लोग है जो  लगातर चुनौतियों का  समाना करते हुए आगे बढ़ते चले  जाते है, इसका कारण सिर्फ इतना है कि ये peaceful रहते है peacefulरहते हुए अपनी परिस्थ्‍ितियों को Face करते है,Adverse Conditions में  भी इनके अंदर  Response Against Situation निकलता है Reaction नही निकलता, Response शांतचित्‍त का प्रतीक है यदि अंदर से Reaction है तो बात साफ है कि आप शांत नही है,आप अशांत है जरूरी है कि हम किस तरह से अपने आपको अदरं से हरसमय शांत रखा जाये या अपनी जिस शांति को आपने लूज किया है उसे किस प्रकार से उसे Regain करे सके लिए दोस्‍तो केवल एक ही उपाय है,वो है

 

 

 

मेडीटेशन,ध्‍यान, शांतचित्‍त मेडीटेशन का ही Byproduct है। 

 

दोस्‍तों इसके लिए में आपकों सिर्फ एक ध्‍यान विधि के बारे में अगली Post में क्‍योंकि यह Post ज्‍यादा लंबी हो जायेेेेगी वैसे आजकल के समय में ध्‍यान की बहुत सारी  विधियॉं है,पर आज जो में आपको बताने जा रहा हूँ,मैने खुद उसका अनुभव किया है और पिछले चार,पांच सालों से उसे कर रहा हूॅं,मुझे यह बताते हुए खुशी महसूस हो रही है कि यह विधि बहुत ही कारगार है,Result Oriented हैं,और निश्चित रूप से आपको भी लाभ पहुॅचायेगी है,बर्शेते सही तरीके से किया जाऐं। मेरे बारे में अभी सिर्फ इतना कहना चाहूॅगा कि अभी मेरा ब्‍लाग शुरूआत में है और कॉफी डाटा में Research कर रहा हूँ, वर्तमान  में एक service में हूँ और ये मेरा पार्ट टाइम ब्‍लॉंग  है, दोस्‍तों अगर आपकाे यह लेख  अच्‍छा लगे तो कमेट जरूर  करें जिससे आगे मुझे इस विषय पर लेख लिखतें समय उत्‍साह बने रहे कि आपकों इस विषय के लेख पंसद आ रहे है।

 

 

 

 

 

 

 

अच्‍छा दोस्‍तो म‍िलते है अगली बार क‍िसी ऐसी ही Inspirational Story,Motivational कहानी के साथ,तब तक के ल‍िये Stay happy,नमस्‍कार,जय हिंद.

warms & regards 

पॉंजिटव बातें 

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