सोया हुआ भाग्‍य । soya hua bhagya kaise jagaye best 1 motivational inspirational story

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सोया हुआ भाग्‍य

सोया हुआ भाग्‍य । soya hua bhagya kaise jagaye ।  soya hua bhagya jagane ke upay  ये कहानी शुरू होती है एक गांव से जिसमें पनौती (मनहूस,Ominous) नाम का व्‍यक्‍त‍ि रहता था.नाम तो उस व्‍यक्‍त‍ि का रामू था. परतु वह इतना अशुभ (gloomy)था क‍ि,(soya hua bhagya jagane ke upay) अगर सुबह-सुबह कोई व्‍यक्‍त‍ि उसे देख ले तो उसका बनाता काम बिगड जाता था.

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व्वह व्‍यक्‍त‍ि जिस भी कार्य में हाथ डालता था, उसी में असफलता मिलती थी.

 

इसी कारण गांव के सभी लोग उसे पनौती(अभागा,मनहूस,Ominous) कहते थें.

पनौती( manhus )खुद भी अपने आप को पनौती समझता था,इन्‍ही बातो से परेशान होकर एक दिन वह गांव के एक अनुभवी पुराने वृद्ध के पास गया और अपनी परेशानी बताई.

इस पर उस व्‍यक्‍त‍ि‍ ने कहा कि इस गांव में हर साल सर्दियों के समय में एक बहुत पहुचे हुये साधु आते है.

वे शायद तुम्‍हारी परेशानी का इलाज तुम्‍हे बता देगे.

इस पर पनौती (अभागा,मनहूस,Ominous) ने उन्‍हें धन्‍यवाद कहा और उनका इंतजार करने लगा.

धीरे-धीरे समय बीतता गया और वह दिन आ गया जब उस गांव में उन चमत्‍कारिक साधु बाबा (sadhu mahatma kahani) का आगमन हुआ. सभी गांव वाले अपनी-अपनी परेशानी के समाधान के लिये उनके पास जा रहे थें. और उनसे समस्‍या का हल जानकारी खुशी-खुशी जा रहे थें.

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पनौती भी लाइन में लगा था.शाम होते-होते साधु महाराज (sadhu mahatma kahani) ने अधिकाश लोगो का देख लिया था. परतु जैसे ही पनौती का नबंर आया तो साधु महाराज उठकर चले गये.

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दरअसल उन साधु महाराज (sadhu mahatma kahani) का नियम था कि वह दिन में केवल 50 लोगों को ही देखेगे.

और पनौती का नबंर 51 था.

इस कारण पनौती काफी दुखी हुआ. उसने सोचा कि कल सुबह आकर महाराज से पूछूगा कि मेरे साथ ही ऐसा क्‍यो होता है. यह सोचकर पनौती अपने घर चला गया.

अगले दिन सही समय पर आकर वह साधु महाराज (sadhu mahatma kahani) से मिला और अपनी समस्‍या बताई. उसकी समस्‍या सुनकर साधु महाराज (sadhu mahatma kahani)ने कुछ देर आंखें बद की और फ‍िर आंखें खाोलकर बताया कि बच्‍चा, तुम्‍हारे जीवने में यह समस्‍या,दुख इसलिये आते है,क्‍योंकि

तुम्‍हारा भाग्‍य तुम्‍हारे साथ नहीं है, वह कही सोया पडा है.

अपने भाग्‍य को जगाकर तुम्‍हारे सारे कार्य सफल होने लगेगे.

इस पर पनौती (मनहूस,Ominous) ने पूछा कि साधु महाराज (sadhu mahatma kahani)  मेरा भाग्‍य कहा सोय हुआ है.

इस पर साधु महाराज (sadhu mahatma kahani) ने कहा क‍ि यहां से 100 मील दूर ऊचें पहाड़ की एक चोटी पर तेरा भाग्‍य सोया (soya hua bhagya kaise jagaye) हुआ, वहां जाकर उसे जगा ले.

 

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उसके बाद तेरा भाग्‍य जाग जायेगे (soya hua bhagya kaise jagaye),

तू जो भी कार्य करेगा सब के सब सही होते जायेगे, क्‍योकि तब तेरा भाग्‍य तेरे साथ होगा.

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इस पर पनौती (मनहूस,Ominous) को डर तो बहुत लगा परंतु

लोगो की उलाहनो से परेशान होकर उसने निश्‍चित किया कि वह पहाड़ पर जाकर अपना भाग्‍य को जगाकर अपने साथा लायेगा और फिॅर गांव वालो की बोलती बंद कर देगा.

यह विचार करके उसने अपना एक झोला उठाया और चल दिया.

अपने गांव को पार करके जब वह आगे बढा तो सामने घना वन,जगल (Forest)आ गया वह डरते-डरते धीरे-धीरे जगंल में से जा रहा था कि अचानक ही उसको एक जारदार गर्जना (Lion) सुनाई दी. ज‍िसको सुनकर वह बहुत ज्‍यादा डर गया कांप गया था.

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क‍ि अचानक ही सामने जगंल का राजा शेर (Lion) प्रकट हो गया. उसने कहा कि अब में तुम्‍हे खाउंगा.

इस पर पनौती (मनहूस,Ominous) ने कहा क‍ि हे जगंल के राजा में बहुत परेशान हूं और अपना भाग्‍य जगाने के ल‍िये सामने वाले पहाड़ पर जा रहा हूँ.

जहां मेरे भाग्‍य सोया हुआ है, (soya hua bhagya kaise jagaye).

यह सुनकर जगल के राजा ने कहा कि तुझे तो में छोड तो दूगा पर मेरी भी एक परेशानी का हल अपने भाग्‍य से पूछकर (soya hua bhagya kaise jagaye) आना पडेगा.

 

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इस पर पनौती (मनहूस,Ominous)ने कहा बिल्‍कुल राजा जी.

आप परेशानी बताईये.

इस पर जगल के राजा ने कहा कि मेरे परेशानी यह है कि में चाहे कितना ही श‍िकार करके ले आउ मेरे परिवार का भूख शांत होती.

इस पर पनौती (मनहूस,Ominous) ने कहा कि राजा जी में आपके सवाल का जबाव ले आउंगा.

और पनौती आगे बढ गया. जैसे ही  वह जगंल के किनारे पर पहुचा तो देखा  कि एक आदमी अपने खेतो काम कर रहा है. वह बहुत उदास लग रहा था.

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चलते-चलते  शाम हो गयी थी पनौती (मनहूस,Ominous)  की नजर उस आदमी पर पडी और वह बोला कि भाई मुझे उस पहाड़ पर जाना है, और रात होने वाली है क्‍या तुम मुझे अपने यहां एक रात रूकवा सकते हो.

इस पर उसी दुखी आदमी ने ठीक है तुम मेरे साथ मेरे झोपडी में चलो.

यह कहकर पनौती उस आदमी के साथ उसकी झोपडी में चला गया. रात के खाने के बाद उस दुखी आदमी ने पनौती से पूछा कि क्‍यो भाई पहाड़ पर ऐसी क्‍या चीज है, जो तुम इतना दुख,परेशानी उठाकर जा रहे हो.

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इस पर पनौती ने बताया कि में अपना सोया हुआ भाग्‍य जगाने जा रहा हूँ.

(soya hua bhagya kaise jagaye). जिसके बाद मेरा जीवन सफल,कामयाब हो जायेगा.

उसकी बाते सुनकर उस दुखी आदमी की आखें में चमक आ गयी. उसने कहा भाई तुम अपने भाग्‍य को जगाने (soya hua bhagya kaise jagaye) जा रहे हो, तो मेरा भी एक प्रश्न का जबाव ले आना.

पनौती ने कहा तुम्‍हारा क्‍या प्रश्न है.

इस पर दुखी आदमी ने  कहा कि में अपनी जमीन पर चाहे कितनी भी मेहनत कर लू पर कुछ भी पैदा ही नहीं होता है, इस प्रकार धन के अभाव में अपनी पुत्री का विवाह भी नहीं कर पा रहा हूं.

यह सुनकर पनौती ने कहा ठीक है ,में तुम्‍हारे प्रश्न का जबाव लेते आउंगा.

यह कहकर पनौती पहाड़ की तरफ चल दिया,

जगल से बाहर निकलकर एक नगर आ गया था जिसके बाद ठीक पहाड़ था,

नगर के स‍िपाह‍ियों ने जब उस अजनबी आदमी को नगर में आते देखा तो सुरक्षा की दृष्‍ट‍ि से उससे पूछताछ की, उसके उत्‍तर से सतुंष्‍ट ना होकर उन्‍होने उसे राजा के सामने ले जाने का निर्णय ल‍िया.

जब भरे दरबार में राजा के सामने उसे ले जाया गया तब

राजा ने पछा कि इसने क्‍या गलती की है.

इस पर सिपाह‍ियों ने कहा कि हुजूर ये हमारी सीमा से जा रहा था और पूछने पर बताने लगा कि यह पहाड़ पर अपना सोया हुआ भाग्‍य जगाने जा रहा है,(soya hua bhagya motivational story).

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हमें तो यह पडोस के राज्‍य का कोई जासूस मालूम होता है.

यह सुनकर राजा कुछ सोच में पड गया और उसने कहा कि हम अतिथ‍ियों का आदर-सत्‍कार करने वाले लोग है. आप इसकी जानकारी जुटाईये.

इतने यह हमारे मेहमान बनकर रहेगे.

यह कहकर राजा ने पनौती को शाम के खाने की दावत दी.

शााम को खाना खाने के बाद राजा ने पनौती से कहा..

क्‍या यह सच है कि तुम अपना भाग्‍य (soya hua bhagya jagane ke upay) जगाने जा रहे हो..

इस पर पनौती (मनहूस,Ominous)  ने कहा कि हां महाराज यह सच है,

 

मुझे एक बहुत पहुचे हुये साधु महात्‍मा ने यह राज बताया कि उस पर्वत पर मेरा भाग्‍य सोया हुआ है,(soya hua bhagya motivational story). जिसे जगाने के बाद मेरा जीवन सुफल,कामयाब एंव बहुत अच्‍छा हो जायेगा.

यह सुनकार राजा ने पनौती (मनहूस,manhus)  से कहा कि आप एक काम करना मेरे भी एक सवाल को जबाव लेते आना.

इस पर पनौती (मनहूस,manhus) ने कहा महाराज हुक्‍म कीजिये. अपकी क्‍या परेशानी है.

इस पर महाराज ने कहा कि हमारे राज्‍य में बहुत ज्‍यादा अंशाति, अराजकता का माहौल है.

इस कारण मुझे राज-काज चलाने में दिक्‍कत आ रही है.

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पनौती ने राजा की बात सुनकर कहा कि ठीक है महाराज में आपकी बात का जबाव ले आउंग.

और सुबह-सुबह मुखबिर ने राजा को सुचना दी की महाराज ये आदमी सही कह रहा है यहां से 60 मील दूर एक गावं से यह आ रहा है और पहांड पर अपना सोया भाग्‍य जगाने जा रहा है. (soya hua bhagya kaise jagaye).

यह सुनकर राजा को थोडी प्रसन्‍नता हुई क‍ि अब शायद मेरी परेशानी दूर हो जायेगी और यह पनौती नाम का आदमी मेरे सवाल का जबाव ले आयेगा.

कुछ समय बाद पनौती ने राजा की आज्ञा ली और अपने भाग्‍य

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को जगाने (soya hua bhagya kaise jagaye) के ल‍ि‍ये पर्वत की तरफ चल दिया.

 

अब वह पहाड़ के नजदीक आ गया था, और उसने चढाई करनी शुरू कर दी थी.

वह लगन का पक्‍का था, और 1-2 घटे की चढ़ाई के बाद उसे एक खडंहरनुमा मंदिर द‍िखाई दिया.

वह पहुचा तो देखा तो एक आदमी बड़ा आडा-तिरछा लेटा हुआ था.

पनौती (मनहूस,manhoos) ने उसे आवाज लगाई ओ भाई- कौन हो तुम

कौन है तू इस पर उस व्‍यक्‍त‍ि ने कोई जबाव नहीं दिया.

पनौती ने फ‍िर तेजी से आवाज लगायी इस बार वह व्‍यक्‍त‍ि ने बडे अलसाये से मूड में आंखें खोली और बोला

में वही हूँ, तुम्‍हारा भाग्‍य (soya hua bhagya kaise jagaye) जिसे लेने तुम आये हो.

यह सुनकर पनौती बड़ा खुश हुआ और कहा जल्‍दी से खडे हो जाओं और मेरे साथ चलों .

यह सुनकर भाग्‍य (soya hua bhagya kaise jagaye) बडी अंगडाई तोडते हुआ उडा और पनौती के साथ चलने लगा.

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जैसे ही भाग्‍य (soya hua bhagya kaise jagaye) पनौती के साथ हुआ.

पनौती (मनहूस,manhoos)  में चमत्कारिक परिवर्तन हो गया. अब पनौती को रास्‍ते में मिले सारे सवालों के जबाव मालूम हो गये थें.

क्‍योकि अब उसके साथ उसका भाग्‍य soya hua bhagya jagane ke upay था. वापसी में वह नगर में राजा के पास पहुंचा तो राजा ने उसका स्‍वागत किया और राजा उसे एंकात में ले गया और पूछने लगा बताओं मेरे सवाल का जबाव क्‍या है.

इस पर पनौती ने कहा कि आपके सवाल का जबाव यह है कि आप राजा के वेश में एक नारी हो और यह बात आपके मंत्री का पता है, और इसल‍िये ही आपके राज्‍य में अराजाकता का माहौल है. यह बात पनौती को इसलिये मालूम हो गयी क्‍योकि अब उसके साथ उसका भाग्‍य था.अब वह ज्ञानी हो गया था.

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यह सुनकर राजा बनी स्‍त्री ने अपनी नकली दाडी,मुकुट उतार दिया.ज‍िसके पश्‍चात एक रूपवती नारी दिखाई दी उसने पनौती से कहा तुमने सही कहा. राजा के भेष में एक नारी ही हूं.

अब तुम एक काम करों मेरे साथ विवाह कर लो और इस राज्‍य के राजा बन जाओं.

यह सुनकर पनौती पनौती (मनहूस,manhus)  ने कहा कि नहीं अब मुझे क‍िसी की जरूरत नहीं है अब मेरे साथ मेरा भाग्‍य (soya hua bhagya jagane ke upay)है. और में सबकुछ हासिल कर सकता हूं.

यह कहकर ज्ञानी पनौती राज्‍य से निकल गया और जगल के शुरूआत में उसी किसान के पास पहुच गया.

किसान ने जब ज्ञानी पनौती पनौती (मनहूस,manhus) को देखा तो बड़ा खुश हुआ ओर पूछा कि मेरे सवाल का जबाव लाये हो.

इस पर ज्ञानी पनौती ने कहा कि आपके खेत में सोने,हीरे,मोत‍ियों से भरे घडे गडे हुये है. उनके कारण ही तुम्‍हारी भूमि बंजर है. तुम उन घडों का निकाल लो और अपनी बेटी की शादी किसी अच्‍छे से लडके के साथ कर दों.

इस पर उस गरीब व्‍यक्‍त‍ि ने कहा कि मुझ तुम्‍हारे जैसा दामाद कहां म‍िलेगा, तुम ही मेरी बेटी से शादी कर लो.

इस पर अपने भाग्‍य (soya hua bhagya jagane ke upay) के घमंड में चूर ज्ञानी पनौती ने कहा, में तुम्‍हारी बेटी से शादी नहीं कर सकता हं, मेरे साथ अब मेरा भाग्‍य है,अब मुझे किसी की सहायता की आवश्‍यकता नहीं है.

यह अवसर भी ठुकरा कर वह चला गया.

आगे जंगल में जाने पर उसका सामना उसी जगल के राजा शेर से हो गया. ज्ञानी पनौती को देखते ही शेर ने कहा आ गये मित्र.

शेर ने उससे कहा अच्‍छा ये बताओं तुम्‍हारी यात्रा कैसी रही.

इस पर पनौती ने सारा घटनाक्रम सुना दिया.

शेर बोला मेरे सवाल का जबाव लाये हो. इस पर ज्ञानी बन चुके पनौती ने कहा ब‍िल्‍कुल

तब शेर ने कहा यही पास में मेरी गुफा है. वही चलकर बात करते है.

तुम्‍हारे सवाल का जबाव यह है कि जब तुम किसी बहुत बडे बेवकूफ,महामूर्ख को मारकर अपने परिवार को खिलाओंगे तो तुम्‍हारे परिवार की भूख शांत हो जायेगी.

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पनौती का उत्‍तर सुनकर शेर बहुत खुश हुआ और पनौती से कहा तुम से बड़ा बेवकूफ,महामूर्ख मुझे कहा म‍िलेगा जो इतना अच्‍छा राजा बनने का अवसर, एक धनी बन चुके व्‍यक्‍त‍ि की लड़की से शादी करके सफल होने का अवसर छोडकर आ रहे हो.

तुमसे बड़ा महामूर्ख मुझे कही नहीं मिलेगा, यह कहकर शेर एवं उसका परिवार उस पनौती का मारकर खा   गया.

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In opanion:

दोस्‍तो इस कहानी सोया हुआ भाग्‍य (soya hua bhagya jagane ke upay) से हमे यह श‍िक्षा मिलती है कि यदि हम अपने पास आये अवसर को पकडर उसे कामयाबी में परिवर्तित करने की ज्ञान,बुद्धि नहीं रखते है.सही मौके (opportunity) को पकडकर उसे सफलता में बदलने का ज्ञान नहीं है.

तो भाग्‍य (soya hua bhagya kaise jagaye). भी आपके साथ आकर आपका कुछ भला लाभ नहीं कर सकता है.इसलिये दोस्‍तो हमे हमेशा]

अवसर (opportunity) को पकडने.

मौके को पकडने के ल‍िये तैयार रहना चाहिये.

क्‍योकि इन्‍ही मौको,अवसरों का उचित प्रयोग करके आप सफलता की नई कहानी ल‍ि‍खने में कामयाब हो पायेगे.

दोस्‍तो

आज की सोया हुआ भाग्‍य –soya hua bhagya kaise jagaye– Friendship ki kahani कैसे लगी, क‍िस प्रकार इस कहानी soya hua bhagya jagane ke upay  ने आपको प्रेरित क‍िया.

कृप्‍या Comment Box  मे जाकर अपना अनुभव बताये.हमें आपके सुझावों,राय का स्‍वागत करते है.

अच्‍छा दोस्‍तो म‍िलते है अगली बार क‍िसी ऐसी ही Inspirational Story,Motivational कहानी के साथ,तब तक के ल‍िये Stay happy,नमस्‍कार,जय हिंद.

warms & regards 

पॉंजिटव बातें 

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R.p. kulshresth
R.p. kulshresth
4 years ago

Really very Nice motivational story. It is true that we always ready to hold an opportunity to become success in our life.