समय का उपयोग- Samay ka upyog best hindi story-samay ka sadupyog


 समय का उपयोग

Samay ka upyog:samay ka sadupyog महात्मा श्री चरणदास जी ने एक जगह लिखा है – एक नगर था l उस नगर में ऐसी प्रथा थी कि पाँच वर्ष पूरा हो जाने पर उस नगर के राजा को गद्दी से उतार दिया जाता था और नए राजा को बैठाया जाता था

 
पुराने राजा को नाव में बैठाकर नदी पार भीषण वन में अकेला छोड़ दिया जाता था।प्रति पाँच वर्ष इस प्रकार होता था,यों कई मनुष्य राजा बने और समय पूरा हो जाने पर जंगलमें जाकर दुःख भोगने लगे
Samay ka Upyog, Samay ki upyogita
पाँच वर्ष तक राज्य-सुख-भोग में वे इतने आसक्त रहते थे कि उन्हें पाँच वर्ष बाद Samay ka upyog समय की क्या स्थिति होगी इसकी याद ही नहीं रहती थी l और ना ही पॉंच वर्ष बाद के समय की अवस्था के लि‍ये आज के समय का उपयोग करते थें। 

 

एक बार इसी नियमानुसार एक मनुष्य को राजगद्दी मिली l वह बहुत बुद्धिमान था l उसने गद्दी पर बैठते ही पूछा – यह कितने दिनों के लिए है ?’ कर्मचारियों ने बताया – पाँच वर्ष के लिए है‘  l उसने पूछा – फिर क्या होगा ?’ 

समय का उपयोग- Samay ka upyog

उसको बताया गया कि पाँच वर्ष पूरा होने के बाद आपसे यह राज्यसत्ता छीन ली जाएगी आपकी सारी सम्पत्ति, यहाँ तक कि वस्त्र भी उतार लिए जायेंगे
केवल एक धोती पहने आपको नदी के उस पार बीहड़ वन में अकेले जाना पड़ेगा l नाव वाले आपको वहाँ उतार कर लौट आयेंगे यही यहाँ की सनातन प्रथा है l ‘ यह सुनकर उसने सोचा कि पाँच वर्ष तो बहुत है Samay ka upyog, में इस समय का उपयोग करूगा। 

 

Samay ka Upyog, Samay ki upyogita
इतने समय में तो सब कुछ किया जा सकता है l ‘ उसने राज्य का भार हाथ में लिया और सावधानी तथा ईमानदारी से न्यायपूर्वक वह प्रजापालन करने लगा , पर पाँच वर्ष की अवधि (Samay ka upyog) को नहीं भूला । और साथ ही उसने इस समय का उपयोग कि‍या।  

उसने अपने व्यक्तिगत सुखों की कुछ भी परवा नहीं की l नाच-मुजरे, अभिनन्दन-सम्मान, मौज-शौक, खेल-तमाशे आदि सब समय का दुरूउपयोग करने वाले व्यर्थ के कार्य सब बंद कर दिए और यह आदेश दे दिया कि नदी पार का जंगल काटकर वहाँ बस्ती बसायी जाये नगर बनाया जाय

 

प्रचुर मात्रा में साधन-सामग्री तथा काम करनेवाले योग्य पुरुष वहाँ भेज दिए जाएँ  l और इस प्रकार उसने अपने समय का समुचित उपयोग कर (Samay ka upyog) पाँच वर्ष पूरा होने के पहले-पहले वहाँ सब व्यवस्था ठीक प्रकार से व्यवस्थ्‍िात करा दी 

 

इस प्रकार आदेश देकर वह अपने काम सँभालने लगा  l  राज्य-सुख भोगने में उसने अपना समय नष्ट नहीं किया l अपितु समय का उपयोग क‍िया, और पाँच वर्ष बाद उसे दुःख भोगना न पड़े और सब सुख-सुविधा बनी रहे, इसके लिए वह प्रयत्न करता रहा (samay ka sadupyog)

समय का उपयोग-(samay ka sadupyog)

पाँच वर्ष की अवधि (Samay ka upyog)  में वहाँ जंगल की जगह एक छोटा-सा सुन्दर हर बस गया l सब सामग्रियां वहाँ सुलभ हो गयीं l पाँच वर्ष पूरा हो जाने के बाद उसको गद्दी पर से उतार दिया गया वह तो हंस रहा था l

उसको किसी बात की चिन्ता न थी l जब नदी पार जाने लगे तो नाविकों ने पूछा –और वर्ष तो जो लोग जाते थे, सभी रोते थे; आप कैसे हंस रहे हैं ?’ 

 

Samay ka Upyog, Samay ki Keemat
उसने कहा – भाई ! वे लोग पाँच वर्ष तक राज्य-सुख भोगते रहे, मौज-मजे करते रहे,(samay ka sadupyog) विषयानन्द में निमग्न रहे l उन्होंने भविष्य की स्थति का व‍िचार ना करा और ना ही उन्होने समय का सदपयोग क‍िया (Samay ka upyog) । 

 

हमको यह देव-दुर्लभ मानव-शरीर एक नियत समय के लिए ही मिला है
नियत समय पूरा होने पर यह हमसे छीन लिया जायेगा और इसके सारे साज-सामान भी यहीं छूट जायेंगे l जब तक जीवन का यह नियतकाल (Samay ka upyog) पूरा न हो जाये, तक मानव-जीवन का पूरा लाभ उठा लेना चाहिए l

इस प्रकार इस कहानी से ये स्पष्ट हे, की हमे अपने अच्छे भविष्य, कामयाबी,तरक्की,आर्थिक सम्पन्नता को प्राप्त करने का लिए आज के समय का बहुत ही सावधानी पूर्वक उपयोग करना चाहिए (Samay ka upyog) 


और हम अपने आपको आने वाले 5 ,10 साल बाद कहा देखने चाहते है, उसके लिए आज से ईमानदारी पूर्वक मेहनत करनी चाहिए।
(samay ka sadupyog)
रोहित सूर्यवंशी 

 


आज की ये प्ररेणादायक कहानी हमे भेजी है, हमे हमारे एक नियमित पाठक रोहित सूर्यवंशी  ने हिमाचल प्रदेश से ,रोहित जी को अपनी सर्विस के साथ-साथ कहानी,कविता लिखने का भी शौक है।


अच्‍छा दोस्‍तो म‍िलते है अगली बार क‍िसी ऐसी ही Inspirational Story,Motivational कहानी के साथ,तब तक के ल‍िये Stay happy,नमस्‍कार,जय हिंद.

 

warms & regards 

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Thanks Mr. Unknown ji for your Appreciation,God Bless you and stay connect with
Positivebate.com

पॉंजिटव बातें

Thanks Rajveer singh ji for comments.

पॉंजिटव बातें

Thanks Mr. Subodh kumar Pant ji for your kind word.

Subodh Singh Pant
4 years ago

Bhut hi prernadayak story
Thanks.

Rajveer singh
Rajveer singh
4 years ago

Very useful information.

Unknown
4 years ago

Very nice