Raksha Bandhan रक्षा बंधन।
दोस्तों नमस्कार, भारत देश में रक्षा बंधन का पर्व कितनी धूमधाम से मनाया जाता है, ये बताने की जरूरत नहीं है। रक्षा बंधन के त्यौहार (raksha bandhan par nibandh) के दिन क्या आम क्या खास सब लोग भाई बहनों के प्रति प्यार के इस बंधन को बड़ी श्रृद्धा के साथ मनाते है। इस दिन घर बैठे भाई बहन से लेकर सीमा पर खड़े जवान तक अपने हाथों में राखी बंधवाते है।
रक्षा बंधन पर्व का बहुत ही महत्व है। आज 7हम आपको अपनी इस पोस्ट में रक्षा बंधन के पर्व के महत्व पर विस्तार से बताएंगे। पौराणिक युग से लेकर आज तक चले आ रहे रक्षा बंधन के इस पर्व ने हमेशा भाई बहनों के प्यार को एक धागे में समेट के रखने का काम किया है। तो लिए आपको essay on raksha bandhan in hindi में सारी जानकारी देने वाले हैं।
■ Raksha bandhan 2021 Date
raksha bandhan in hindi बताने से पहले आपको हम साल 2021 में आने वाले रक्षा बंधन की तारीख बता दें। साल 2021 में रक्षा बंधन 22 अगस्त रविवार को पड़ेगा। रक्षा बंधन का शुभ मुहूर्त इस दिन सुबह 05 बजकर 50 मिनट से शुरू होकर शाम 6 बजकर 03 मिनट पर खत्म होगा। यानि शुभ मुहुर्त 12 घंटे 11 मिनट तक रहेगा। आप भी कोशिश करें कि इस शुभ मुहुर्त के दौरान ही राखी बंधवा लें। raksha bandhan 2021 date kab hai के बाद आइए आपको अब रक्षा बंधन पर्व (Raksha bandhan festival) का इतिहास के बारे में बताते हैं।
■ जानिए रक्षा बंधन का इतिहास । raksha bandhan in hindi
- भविष्य पुराण में भी मिलता है रक्षा बंधन का वर्णन । raksha bandhan story in hindi
रक्षा बंधन का जिक्र सबसे पहले भविष्य पुराण में मिलता है। इसमें बताया गया है कि जब देव और दानवों के बीच युद्ध चल रहा था, तो अचानक से दावन देव पर हावी होने लगे। इससे घबराकर भगवान इंद्र बृहस्पति के पास भागे भागे गए। भगवान इंद्र और बृहस्पति के बीच की बातचीत को वहां बैठी इंद्र की पत्नी इंद्राणी भी सुन रही थी। तभी उन्होंने रेशम का धागा उठाया और मंत्रों से उसे पवित्र करके अपने पति के हाथ में बांध दिया। संयोग से वो दिन श्रावण पूर्णिमा का था।
- राजा बलि से भी जुड़ी है रक्षा बंधन की कथा । raksha bandhan story in hindi
इसमें बताया गया है कि दानवेंद्र राजा बलि का अंहकार तोड़ने के लिए भगवान विष्णु ने ब्रहाम्ण का अवतार धारण किया। ब्रहाम्ण का अवतार धारण कर बलि के घर भिक्षा मांगने पहुंच गए। भिक्षा में उन्होंने तीन पग भूमि की मांग की। बलि के राजी होने पर भगवान ने तीन पग में सारा धरती, आकाश और पाताल तीन पग में ही नाप दिया।
इसके बाद बलि तो रसातल में चला गया। जिसके बाद बलि ने अपनी भाक्ति के बल पर दिन रात भगवान के सामने रहने का वचन ले लिया। भगवान को वापस लाने के लिए नारद ने लक्ष्मी को एक उपाय बताया। जिसके बाद लक्ष्मी ने बलि के हाथ पर राखी बांध उसे अपना भाई बनाया और फिर जाकर अपने पति को साथ लेकर आ पाई। संयोग से उस दिन श्रावण मास की पूर्णिमा थी।
- महाभारत में भी मिलता है राखी का जिक्र । raksha bandhan in hindi
भगवान कृष्ण ने जब महाभारत में शिशुपाल का वध किया था, तो उस दौरान भगवान कृष्ण की बाएं हाथ की अगुंली से खून बहने लगा था। ये सब द्रोपदी से देखा नहीं गया और तुरंत अपनी साड़ी का एक टुकड़ा फाड़कर उनकी अगुंली पर बांध दिया। जिसके बाद खून बहना बंद हो गया। माना जाता है,
कि इस घटना के बाद कृष्ण ने द्रौपदी को अपनी बहन स्वीकार लिया था। इसके सालों बाद जब पांडव द्रौपदी को जुए में हार गए, तो कृष्ण भगवान ने जब बीच सभा में उनका चीरहरण होते देखा। तो अपने वचन को पूरा किया और द्रौपदी की लाज बचाई थी।
- रानी कर्णवती से भी जुड़ा है रक्षा बंधन का त्यौहार । raksha bandhan story in hindi
मध्यकालीन युग में राजपूत और मुस्लिमों के बीच भीषण युद्ध चल रहा था। इस दौरान चित्तौड़ के राजा की विधवा रानी कर्णावती ने गुजरात के सुल्तान बहादुर शाह से अपनी और अपनी प्रजा की सुरक्षा का कोई रास्ता न निकलता देख हुमायूं को राखी भेजी। तब हुमांयू ने उन्हें अपनी बहन का दर्जा देते हुए उन्हें उनकी रक्षा का वचन दिया।
■ राखी बांधने का सही तरीका । raksha bandhan in hindi
भले ही आपने राखी का इतिहास देखा हो कि बहुत पुराना है। परन्तु राखी बांधने और उसके तमाम तरीकों के बारे मे आज भी बहुत से लोग अनजान हैं। इसलिए आगे हम आपको राखी बांधने के सही तरीके के बारे में भी बताने जा रहे हैं।
- कुमकुम के साथ अक्षत के टीके का लगाएं
हमारे शास्त्रों में चंदन, कुमकुम का टीका बहुत ही पवित्र बताया गया है। इसे देखते हुए राखी के दिन सबसे पहले बहन अपने भाई को कुककुम और अक्षत का टीका लगाती हैं। कुमकुम में चावल को मिलाने का भी विशेष महत्व बताया गया है। मान्यता है कि चावल के दानों में विशेष प्रकार की सकारात्मक उर्जा होती है,
जो कि इंसान को हर नकारात्मक विचार से दूर रखने का काम करती है। इसलिए कुमकुम का टीका हमेशा माथे के बीच में ही लगाया जाता है। इस तिलक को विजय, मान सम्मान और योद्धा का प्रतीक भी माना जाता है।
राखी बांधने का सही तरीका । essay on raksha bandhan in hindi
1- कहा जाता है कि राखी के दिन जब तक बहन भाई को राखी ना बांध लें, तब तक उसे व्रत रखना चाहिए। राखी बांधने के बाद ही उसे अन्न ग्रहण करना चाहिए।
2- राखी बांधने से पहले अपनी पूजा की थाली को अच्छी तरह से सजा लें। क्योंकि यदि राखी बांधने के दौरान थाली में कोई कमी रह जाती है, तो इसे अशुभ माना जाता है। इस थाली में दही, अक्षत, फूल, दीपक, रोली, मिठाई और राखी अवश्य रखें।
3- हिंदू धर्म में दही का विशेष महत्व है। पूजा पाठ से लेकर हवन आदि की शुरूआत दही के बिना नहीं की जाती। यहां तक की जब घर से कोई नौकरी या साक्षात्कार देने के लिए निकलता है, तो भी उसे दही खिलाकर भेजा जाता है। इसलिए राखी बांधने से पहले जरूरी है कि बहन भाई को दही का टीका जरूर लगाए।
4- दही का टीका लगाने के बाद बहन को चाहिए कि वो भाई के माथे पर रोली का टीका लगा दे।
5- रोली का टीका लगाने के बाद बहन को भाई के ऊपर अक्षत और फूल चढ़ाने चाहिए। इसी दौरान बहन आंखें बंद करके भाई की लंबी उम्र की भी कामना करे।
6- इसके बाद बहन को भाई के दाहिने हाथ में राखी बांधकर उसकी आरती उतारनी चाहिए। आरती उतारने के तुरंत बाद उसे मिठाई खिलानी चाहिए।
7- इसके पश्चात भाई बहन को उपहार या नगद राशि देता है। राखी के पश्चात हमेशा भाई को कुछ ना कुछ जरूर देना चाहिए। भले ही फिर चाहे वो 11 रूपए ही क्यों ना हो।
- राखी बांधने की सही जगह । essay on raksha bandhan in hindi
आज के आधुनिक युग में बहुत से लोग राखी बेड या सोफे पर ही बैठकर बंधवाते हैं। लेकिन ये तरीका सही नहीं है। राखी हमें हमेंशा जमीन या लकड़ी की पीढीया पर बैठकर ही बंधवानी चाहिए। पुराने जमाने में राखी बंधवाने का यही चलन था।
इसी के साथ हमें हमेशा पूर्व की तरफ मुंह करके बैठना चाहिए। जबकि बहन को हमेशा पश्चिम की तरफ मुंह करके राखी बांधनी चाहिए। इन बातों पर अक्सर हम ध्यान नहीं देते, लेकिन राखी बांधने में ये बाते बेहद अहम होती हैं।
राखी बांधने के दौरान इस मंत्र का करें जाप। raksha bandhan par nibandh
राखी बांधना (Raksha bandhan) और बंधवाना बेहद पवित्र कार्य होता है। ऐसे में इस पवित्र काम के दौरान महाभारत में दिए गए रक्षा सूत्र का हमें जाप करना चाहिए। जो कि हम आपको बता रहें हैं। आप इसे राखी बांधने के दौरान पढ़ सकते हैं।
। ॐ येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल:
तेन त्वामपि प्रति बध्नामि रक्षे मा चल मा चल ।
- सरकार की तरफ से भी रक्षा बंधन पर मिलती है महिलाओं को सुविधाएं
रक्षा बंधन (Raksha bandhan) का पर्व सरकार के लिए भी बेहद अहम होता है। इसलिए सरकार भी इस दिन बहनों के लिए कई सुविधाएं उपलब्ध करवाती है। जिनमें सबसे पहली सुविधा है कि इस दिन तमाम राज्य सरकारें अपने यहां सरकारी बसें महिलाओं के लिए फ्री कर देती हैं। जिससे बहनें अपने भाइयों को राखी बांधने बस के जरिए कहीं भी आ जा सकती हैं।
इसके साथ ही डाक विभाग भी रक्षा बंधन से पहले विशेष प्रकार के लिफाफे जारी करता है। जिसकी कीमत भी कम रखी जाती है। इन लिफाफों के जरिए बहनें अपनी राखी (Rakhi festival) दूसरे शहरों में भेज सकती हैं। इसके साथ ही रक्षा बंधन से कुछ दिन पहले तमाम राज्य सरकारें उनके लिए कोई ना कोई विशेष घोषणा भी करती हैं। जिनका वो लाभ उठा सकती हैं।
■ राखी ने समय के साथ बदल लिया है अपना स्वरूप essay on raksha bandhan in hindi
समय कभी एक जैसा नहीं रहता। इसका प्रभाव राखी पर भी देखने को मिला है। आज यदि हम दशकों पहले मनाई जाने वाली राखी से तुलना करें, तो देखेंगे कि राखी के त्यौहार में बहुत बदलाव आ गए हैं। जो कि समय की मांग के मुताबिक जरूरी भी कहे जा सकते हैं। आइए उन बदलावों पर एक नजर डालते है।
डाक के जरिए भेजी जाने लगी राखी- पुराने जमाने में जहां हर बहन राखी बांधने अपने भाई के घर जाया करती थी। वहीं आज ये चलन कुछ हद तक कम हो गया है। अब कहीं दूर रह रहे अपने भाई को बहनें राखी डाक के जरिए ही भेज देती हैं। उसे ही राखी के दिन उनके भाई पहन लेते हैं। साथ ही पहले पिता को बेटी भी राखी बांधती थी, गुरूओं को अपने यजमान को भी राखी बांधी जाती थी। लेकिन अब ये चलन भी अब समाप्त होता जा रहा हैं।
धागे की जगह मोतियों ने ले ली- पुराने समय में राखी का मतलब रेशम का मजबूत धागा होता था। लेकिन समय के आगे ये कमजोर धागा टिक नहीं पाया। आज बाजार में राखी से पहले तमाम तरह की राखियां बिकने लगती हैं। जिनमें मोतियों वाली राखी सबसे ज्यादा बिकती है। अमीर लोग तो अब सोने चांदी की भी राखी बांधने की शुरूआत कर चुके है। इसलिए रेशम का धागा तो केवल अब गरीब लोगों तक ही सिमट कर रह गया है।
प्यार से ज्यादा पैसों का महत्व हो गया- रक्षा बंधन के दिन जहां पहले भाई बहन की रक्षा का वचन दिया करते थे, वहीं आज इस वचन की जगह पैसों ने ली ले है। आज बहुत सी बहनें अपने पास पड़ोस के भाइयों को गिफ्ट के लोभ में राखी बांध देती हैं। यदि गिफ्ट बहन के मन मुताबिक नहीं मिलता तो अक्सर वो अगली बार उन्हें राखी नहीं बांधती। रक्षा बंधन के इस त्यौहार में पैसों के मोल भाव ने इसके महत्व को कम कर दिया है।
- In Opanion :
दोस्तों मुझे पूरी उम्मीद हैं raksha bandhan in hindi इस Post रक्षा बंधन । raksha bandhan in hindi। essay on raksha bandhan in hindi को पढ़कर आपको अच्छी जानकारी प्राप्त हुई होगी। इस पोस्ट को पढ़ने के बाद निश्चित ही आपको रक्षा बंधन (Raksha Bandhan) के इतिहास की तो जानकारी मिली ही होगी। साथ ही रक्षा बंधन पर दिए वचन का भी बखूबी अहसास हुआ होगा। इसलिए हमें आशा है कि आगे से आप इसे एक पर्व के साथ अपने दिए वचन को भी बखूबी निभाएंगे।
दोस्तो आपको आज की रक्षा बंधन का लेख आपका कैसे लगा हमें अपने कमेंट और सुझावों के माध्यम से जरुर बताये | अच्छा फिर मिलते हैं दोस्तों आप सब से किसी ऐसे ही ज्ञान बर्धक टॉपिक के साथ | तब तक के लिये
———Stay happy नमस्कार——-
धन्यवाद
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