Raksha Bandhan 2023 Hindi : भारत में रक्षाबंधन (Raksha Bandhan Hindi Story) एक ऐसा त्यौहार है जो भाई बहनों के प्रेम का प्रतिक है, साल के श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन इस त्यौहार को मनाया जाता है. इस साल अगस्त के महीने में 30 तारीख को रक्षाबंधन पड़ेगा. इस दिन हर बहन अपने भाई के हाथ में राखी बांधती है, और अपने भाई से अपनी रक्षा का वादा मांगती है.
साथ ही भाई भी अपनी बहनों के रक्षा करने का वचन देकर उन्हें कुछ न कुछ उपहार भी देते है. आज के इस खास लेख में हम बात करेंगे रक्षा बंधन मनाये जाने के पीछे क्या कारण है और हम बात करेंगे की इस त्यौहार की प्रचलित कहानियों की.
Raksha Bandhan 2023 Hindi के लिए मशहूर कहानियां
भाई बहने के इस पवित्र त्योहार से जुडी कई कहानियां प्रचलित है, परन्तु हम बता करेंगे उन कहानियों के बारें में जो काफी प्रचलित है.
इंद्रदेव सम्बंधित मिथक : Raksha Bandhan 2023 Hindi
पुराणों के अनुसार दैत्यों और देवताओं के मध्य भयंकर युद्द हुआ था जिसमें भगवन इंद्र एक असुर बलि से हार गए थे. इस कारण इंद्र देव की पत्नी भगवान विष्णु के पास मदद मांगने के लिए गयी, जिसकें बाद भगवान विष्णु ने उन्हें एक सूती दागे से एक हाथ में पहने जाने वाला वयल बना कर दे दिया,
और उनसे कहा की वह इस वयल को इंद्र के हाथो में बांध देवे. सची ने ऐसा ही किया उन्होंने भगवान विष्णु द्वारा दिए वयल को अपने पीटीआई इंद्र के हाथो में बांध दिया. जिसके बाद इंद्र ने अगले युद्द में राजा बलि को हरा दिया और पुनः अमरावती पर अपना अधिकार स्थापित कर लिया.
इसके बाद से ही यह प्रचलन आम हो गया और इस युद्द के बाद हर महिला युद्द से पर जान इसे पहले अपने पति के हाथो में रक्षा के लिए वयल बाँधने लगी.
राजा बलि और महालक्ष्मी की कहानी (Raksha Bandhan Hindi Story) :
विष्णु पुराण के अनुसार जब भगवान् विष्णु ने राजा बलि को हराकर तीनों लोको में विजय हासिल कर ली थी तब बलि ने भगवान् विष्णु से उनके महल में रहने के अनुमति मांगी और विष्णु के अनुमति मिलने के बाद वह उनके महल में रहने लगे और दोनों के दुसरे के घनिष्ठ मित्र भी बन गए थे.
लेकिन यह बात माँ लक्ष्मी को बिल्कुल पसंद नहीं आई और उन्होंने वैकुण्ठ जाने का निश्चय कार लिया, जिसके बाद माँ लक्ष्मी ने बलि के हाथो में रक्षा सूत्र बंधते हुए बलि से मनचाहा उपहार माँगा, जिसमें उन्होंने बलि को भगवान विष्णु द्वारा दिए गए वचन से उन्हें मुक्त करने के बात कही गयी. उनकी इस बात को बलि ने मान लिया और उन्होंने उनका महल छोड़ने के साथ उन्हें अपनी बहन भी मान लिया.
संतोषी माता से संबधित कहानी :
भगवान् विष्णु के 2 पुत्र थे जिनमें एक का शुभ और दुसरे का नाम लाभ था, लेकिन उनके कोई बहन नहीं थी. इस दोनों भाई रक्षा बंधन का त्यौहार नहीं मना पाते थे, और उन्होंने भगवान् गणेश से एक बहन के लिए आग्रह किया. कुछ समय बाद यही बात नारद जी ने गणेश जी से कही और उन्होंने उनका आग्रह मानते हुए उन्होंने अपनी दोनों पत्नी रिद्दी- सिद्दी से एक पुत्री की कामना की, और दोनों की दिव्य ज्योति से गणेश जी को एक पुत्री की प्राप्ति हुयी जिसका नाम संतोषी था और जिन्हें आज संतोषी माता के रूप में पूजा जाता है.
कृष्ण और द्रोपदी की कहानी Raksha Bandhan 2023 Date
अर्जुन काल में द्रोपदी ने भगवान् कृष्ण को अपना भाई मानते हुए उनके हाथों में राखी बांधी थी और उनसे अपनी रक्षा का वरदान भ माँगा था.
यम और यमुना मैय्या की कहानी :
एक बार यमुना के के भाई यम उनसे १२ वर्ष तक मिलने नहीं गए थे, जिस कारण यमुना मईया बेहद दुखी हो गयी थी और उन्होंने इस अत की शिकायत गंगा मईया से की, जिससे गंगा ने यमुना की दुःख की बात उनके भाई से कही और वह यमुना से मिलने पहुंच गए.
अपने भाई को देख यमुना को बहुत ख़ुशी हुयी और उन्होंने अपने भाई यम के की कलाई में एक राखी बंधते हुए उनसे पुनः मिलने आने का वचन मांग लिया था. वह उनसे समय-समय पर मिलने भी आने लगे.
रक्षाबंधन का इतिहास
विश्व के इतिहास में भी रक्षाबंधन का जिक्र मिलता है. हमने रक्षा बंधन से सम्बन्धित कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं का जिक्र किया है.
सिंकदर और राजा पुरु की कहानी । Raksha Bandhan 2023 Hindi
सिकंदर के बारे में तो आप सभी ने कही न कही सुना ही होगा
326 ईसा पूर्व सिकंदर ने भारत में अपना कब्जा करने के मकसद से भारत में अपना कदम रखा. उस समय राजा पोरस की पत्नी रोशानक ने सिकंदर के लिए एक राखी भेजी और उन
से पोरस पर जानलेवा हमला ना करने का वचन ले लिया था.
परम्परा के अनुसार राजा पोरस ने जब सिकंदर के हाथ में राखी बंधी देखि तो उन्होंने सिकंदर पर व्यक्तिगत हमले नहीं किये वही सिकंदर ने भी राजा पोरस पर जानलेवा हमला नहीं किया था.
रानी कर्णावती और हुमायूँ की कहानी :
यह घटना सन 1535 के ज़माने से जुडी हुयी है. ऐतिहासिक कथा के अनुसार रानी कर्णावती के महल पर जब गुजरात के सुल्तान बहादुर शाह ने हमला बोल दिया था, तब उन्होंने एक बहन होने के नाते मुग़ल शासक हिमायुं को उनकी मदद करने की मांग की थी. इस घटना के बाद हिन्दू मुस्लिम की एकता की बात फैलने लगी थी.
1905 का बंग भंग और रविन्द्रनाथ टैगोर :
90 के दशक में जब भारत अंग्रेजो का गुलाम था जहां अंग्रेजो ने डिवाइड एंड रूल की पॉलिसी से भारत में लोगो के बीच लडवा दिया था. उस समय उन्होंने रविन्द्र नाथ टैगोर ने रक्षा बंधन (Raksha Bandhan 2023 Hindi)का त्यौहार मना क्र लोगों के बीच प्यार और सोहाद्र बढाया था. उस समय अंग्रजो ने हिन्दू और मुसलमान के बीच फूट डालने की कोशिश की लेकिन टैगोर साहब ने इस त्यौहार से लोगों के बीच एकता का आह्वान किया था.
सिखों का जुडाव :
18 वीं शताव्दी के दौरान सिख खालसा आर्मी के जवान अरविन्द सिंह ने राखी (Raksha Bandhan 2023 Hindi)नाम की एक प्रथा का शुभारम्भ किया था, जिसमें एक रस्म बनायी गयी थी कि हिन्दू किसान राखी के साथ अपनी उपज का एक छोटा सा हिस्स्सा मुस्लिम आर्मी के लोगों के देंगे और मुस्लिम सेना उन पर कभी आक्रमण नहीं करेगी.
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इस बार Raksha Bandhan 2023, 30 अगस्त 2023 से 31 अगस्त तक रहेंगा ।
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30 अगस्त 2023 रात 09:01 से 31 अगस्त तक
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Raksha Bandhan 2023 Muhurat Time का शुभ मुर्हूत 30 अगस्त रात 9.01 से 31 अगस्त 7.05 सुबह तक रहेगा, लेकिन भद्रा काल नही होने की वजह से 31 अगस्त को भी राखी बाधं सकती है.
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30 अगस्त 2023 रात 09:01 से 31 अगस्त तक
In opanion :
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बहुत बढ़िया, बहुत ही अच्छी तरह से अपने रक्षाबंधन जैसे पवित्र त्यौहार के पीछे की कहानियों को समझाया।
Thanks for your kind word, stay happy keep with us.