राजा और एक कन्या की कहानी । Raja ki kahani in Hindi best। raja aur ek ladki ki kahani best moral story

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राजा और एक कन्या की कहानी

(Raja ki kahani in Hindi)

आज हम आपको एक राजा की कहानी (Raja ki kahani in Hindi) बताने जा रहे हैं। एक बार की बात है एक नगर के राजा (Raja) जंगल में शिकार करने गए थे। जंगल में शिकार के दौरान राजा को एक हिरण दिखाई दिया। राजा हिरण को देखते ही उसके पीछे पीछे शिकार करने के लिए चल पड़े। राजा हिरण का पीछा करते करते अपने घोड़े के साथ जंगल में बहुत दूर निकल गए। इस दौरान राजा के सिपाही उनसे बहुत पीछे रह गए।

                                                                                                Raja aur ek ladki ki kahani

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Raja ki kahani in Hindi

    Raja ki kahani में राजा हिरण का पीछा करते करते एक जंगल में पहुंच गए। जंगल के अंदर भी राजा हिरण के पीछे पीछे बहुत देर तक भटकते रहे। भटकते भटकते राजा को जंगल में प्यास लग गई। राजा को प्यास ने बहुत ही व्याकुल कर दिया, तो राजा को जंगल के अंदर ही एक झोपड़ी दिखाई दी। राजा (Raja) ने बिना कुछ सोचे समझे उस झोपड़ी में जाना ही सही समझा। राजा जैसे ही उस झोपड़ी के पास पहुंचे तो देखा कि झोपड़ी में एक कन्या खेल रही थी। राजा ने झोपड़ी में पहुंचते ही तुरंत उस कन्या से कहा कि बेटी शीघ्र एक गिलास पानी लाओ, मुझे बहुत प्यास लगी है।

    Raja ki kahani in Hindi में कन्या ने राजा को पहचाना नहीं, लिहाजा एक खाट लाकर बिछा दी और राजा को आम आदमी की तरह बैठने के लिए कहा। थोड़ी देर में राजा के लिए कन्या एक गिलास पानी लेकर आ गई। पानी देखते ही राजा ने राहत की सांस ली। लेकिन जैसे ही राजा ने पानी पीने के लिए ग्लास हाथ में लिया, तो राजा बेहद क्रोधित हो गए। क्योंकि पानी के गिलास में खराब तिनके पड़े हुए थे। राजा (Raja) ने क्रोध में कन्या से पूछा कि तुम्हारे पिता कहां है। कन्या ने बेहद शांत भाव में कहा कि मेरे पिता तो ‘मिट्टी को मिट्टी में मिलाने गए हैं’

     Raja ki kahani in Hindi में राजा को लगा ये कन्या उनके साथ कोई मजाक कर रही है। ऐसे में राजा का क्रोध और ज्यादा बढ़ गया। लेकिन राजा को प्यास ज्यादा लगी होने के कारण राजा ने कन्या को दूसरा पानी का साफ ग्लास लाने को कहा। कन्या थोड़ी देर में दूसरा पानी का ग्लास ले आई। राजा ने पानी पिया और अपनी प्यास बुझाई।

  राजा की कहानी में (raja aur ek ladki ki kahani) राजा पानी पी ही रहे थे कि इतने में लड़की के पिता भी बाहर से आ गए। लड़की के पिता ने राजा को देखते ही पहचान लिया और राजा से हाथ जोड़कर आदर पूर्वक प्रणाम किया। लड़की के पिता ने कहा राजा (Raja) आप आज मेरी गरीब की झोपड़ी में पधारे और आपको देखकर मैं धन्य हो गया।

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raja aur ek ladki ki kahani

कहिए आपकी मैं क्या सेवा कर सकता हूं। तो राजा ने कबा कि आज मैं जंगल में हिरण का शिकार करने आया था। शिकार करते करते मैं बहुत आगे निकल गया और मेरे सभी सिपाही मुझसे पीछे छूट गए। ऐसे में जंगल के बीच में जब मुझे प्यास लगी तो जंगल के बीच में आपकी झोपड़ी दिखाई दी। झोपड़ी के अंदर आया तो देखा कि ये कन्या खेल रही थी।

 सोचा कन्या से पानी मांगकर पी लूं, ताकि प्यास बुझाई जा सके। तब तुम्हारी इस दुष्ठ कन्या ने मुझे जल में तिनले डालकर दे दिए। ताकि मैं पानी पी ना सकूं। और जब मैंने इससे आपके बारे में पूछा तो बताया कि पिता ‘मिट्टी को मिट्टी में मिलाने गए हैं’। राजा ने गुस्से में कहा कि आपने इसे कैसे संस्कार दिए हैं।

राजा की कहानी (raja aur ek ladki ki kahani) में राजा की बात सुनकर लड़की के पिता ने राजा को जवाब दिया कि हुजूर कन्या ने आपको बिल्कुल सही बात कही थी। दरअसल, एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई थी। मैं उन्हीं की मिट्टी में गया था। इसी बीच वो कन्या अपने पिता के लिए पानी का ग्लास लेकर आ गई।

 तो लड़की के पिता ने उससे पूछा कि बेटी आपने राजा को पानी में तिनके मिलाकर क्यूं दिए। तो कन्या ने कहा कि पिताजी राजा बहुत दूर से आए थे, इनका शरीर पसीने से तर बतर हुआ था। ऐसे में यदि राजा को मैं तुरंत पानी दे देती तो राजा बीमार हो सकते थे। इसलिए मैंने सोचा कि राजा को मना तो कर नहीं सकती, पर पानी में तिनके मिलाकर दे दूं, ताकि राजा दिया हुआ पानी पी ना सकें और इतने में जबतक मैं दूसरा पानी लाऊं तबतक राजा का पसीना भी सूख जाए।

raja aur ek ladki ki kahani राजा ने जैसे ही कन्या की बात को सुना वो भावुक हो गए। उन्होंने सोचा कि जिस कन्या पर वो इतना क्रोधित हो रहे थे आखिर वो कन्या उनके भले के लिए किस तरह से सोच रही थी। राजा कन्या की बात को सुनकर बेहद प्रसन्न हुए और अपने गले के पहने सभी हार निकालकर कन्या के गले में डाल दिए।
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   राजा ने अपने बहुमूल्य हार देकर कन्या और उसके पिता को हमेशा हमेशा के लिए झोपड़ी की उस गरीबी से मुक्त कर दिया। ये सब देखकर कन्या और पिता ने राजा का आभारा प्रकट किया।

Opanion:-
दोस्‍तो इस Moral hindi story कहानी  Raja ki kahani in Hindi  से हमें यही सीखने को मिलता है कि हमें कभी भी जल्‍दीबाजी, तुरंत किसी भी घटना के प्रति प्रतिक्रिया/ उत्‍तर नही देना चाह‍िये, बल्‍कि धैर्य बनाये रखना चाह‍िये, मुझे पूरी  उम्मीद है क‍ि आप सभी को आज की राजा और कन्‍या की कहानी (raja aur ek ladki ki kahani) जरूर पंसद आयी होगी.  तो दोस्‍तो म‍िलते है अगली बार कि‍सी ऐसी ही मोट‍िवेशनल, प्रेरणादायक ह‍िदी कहानी के साथ, तब तक के लि‍ये 

           

———Stay happy नमस्‍कार——- 

धन्यवाद

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