Raja Bhoj pandit aur gaderia,राजा भोज पंडित और गड़रियां

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Raja Bhoj pandit aur gaderia

raja bhoj pandit aur gaderia: आज की कहानी महान प्रतापी राजा भाेज,उनके राज पंडित,गड़रिये और एक अनोखें कुएं से जुडी एक व़तान्‍त है, कहानी हमें  जिदंगी  में मोह,माया,त़ष्‍णा के बारे में बताती है। कहानी आप जैसे बुद्धिजीवियों को(क्‍योंकि आपने इस पढ़ने का निर्णय लिया) अवश्‍य पंसद आयेगी।

हैलो दोस्‍तो, कैसे आप सभी,उम्मीद है सब बढि़या होगें,
दो-चार दिन से Office में Busy  Schedule  होने के  कारण कोई पोस्‍ट नही लिख पाया उसके  लिए  Sorry और आपकी  बेवसाइट को  और बेहतर बनाने के लिए ज्‍यादा समय इस पर दिया जा  रहा है आपकी इस website (positivebate.com) को मै  खुद ही बना रहा हूँ इसलिये बहुत सी नई-नई चीजें सीखी जा रही है।उम्‍मीद है आपकों  पोस्‍ट पंसद आ रही होगी ,आपने  देखा हाेगा कि मेरी गुड मार्निग की पोस्‍ट कभी रात में तो कभी दोपहर में  आती है ,तो दोस्‍तों इसका कारण यह है कि में अपनी  सर्विस पर रहता हूँ। इसलिये कभी-कभी समयाभाव के कारण विलंब हो जाता है। दोस्‍तो अपना साथ इसी तरह लगातार बनायें रखियेगां और E-mail को Subscirbe ,और अपने सुझावों को कमेटं बाक्‍स के माध्‍यम से ,या मेरी मेल (positivebate@gmail.com) पर भेजियेगा , और फॉलों  करियेगा। 

राजा भोज,पंडित और गड़रियां-raja bhoj pandit aur gaderia

Raja Bhoj pandit aur gaderia:एक बार राजा भोज के दरबार में एक सवाल उठा कि ‘ ऐसा कौन सा कुआं है जिसमें गिरने के बाद आदमी   बाहर नहीं निकल पाता?’ इस प्रश्न का उत्तर कोई नहीं दे पाया।

 आखिर में राजा भोज ने राज पंडित से कहा कि इस प्रश्न का उत्तर सात दिनों के अंदर लेकर आओ, वरना   आपको अभी तक जो इनाम धन आदि दिया गया है,वापस ले लिए जायेंगे तथा इस नगरी को छोड़कर दूसरी      जगह जाना होगा।

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Raja Bhoj pandit aur gaderia

Raja Bhoj,

राजा भोज,पंडित और गड़रियां-raja bhoj pandit aur gaderia

छः दिन बीत चुके थे।राज पंडित को जबाव नहीं मिला था।निराश होकर वह जंगल की तरफ गया। वहां उसकी भेंट एक गड़रिए से हुई। गड़रिए ने पूछा -” आप तो राजपंडित हैं, राजा के दुलारे हो फिर चेहरे पर इतनी उदासी क्यों?
यह गड़रिया मेरा क्या मार्गदर्शन करेगा?सोचकर पंडित ने कुछ नहीं कहा।इसपर गडरिए ने पुनः उदासी का कारण पूछते हुए कहा -” पंडित जी हम भी सत्संगी हैं,हो सकता है आपके  प्रश्न का जवाब मेरे पास हो, अतः नि:संकोच कहिए।” राज पंडित ने प्रश्न बता दिया और कहा कि अगर कलतक प्रश्न का जवाब नहीं मिला तो राजा नगर से निकाल देगा।

राजा भोज,पंडित और गड़रियां-raja bhoj pandit aur gaderia

 

गड़रिया बोला -” मेरे पास पारस है उससे खूब सोना बनाओ। एक भोज क्या लाखों भोज तेरे पीछे घूमेंगे।बस,पारस देने से पहले मेरी एक शर्त माननी होगी कि तुझे मेरा चेला बनना पड़ेगा।”
जिंदगी का नजरिया सकारात्मक बना देगी ये कहानी

शिंकजी का स्‍वाद Shikanji Ka Swad 

राज पंडित के अंदर पहले तो अहंकार जागा कि दो कौड़ी के गड़रिए का चेला बनूं? लेकिन स्वार्थ पूर्ति हेतु चेला बनने के लिए तैयार हो गया।
गड़रिया बोला -” पहले भेड़ का दूध पीओ फिर चेले बनो। राजपंडित ने कहा कि यदि ब्राह्मण भेड़ का दूध पीयेगा तो उसकी बुद्धि मारी जायेगी। मैं दूध नहीं पीऊंगा।
तो जाओ, मैं पारस नहीं दूंगा – गड़रिया बोला।
राज पंडित बोला -” ठीक है,दूध पीने को तैयार हूं,आगे क्या करना है?”
Raja Bhoj ka kila sapna, raja bho anokha kauun
Raja Bhoj
गड़रिया बोला-” अब तो पहले मैं दूध को झूठा करूंगा फिर तुम्हें पीना पड़ेगा।”

राजा भोज,पंडित और गड़रियां-raja bhoj pandit aur gaderia

राजपंडित ने कहा -” तू तो हद करता है! ब्राह्मण को झूठा पिलायेगा?” तो जाओ, गड़रिया बोला।
 राज पंडित बोला -” मैं तैयार हूं झूठा दूध पीने को ।”
 गड़रिया बोला-” वह बात गयी।अब तो सामने जो मरे हुए इंसान की खोपड़ी का कंकाल पड़ा है, उसमें मैं दूध   दोहूंगा,उसको झूठा करूंगा, कुत्ते को चटवाऊंगा फिर तुम्हें पिलाऊंगा।तब मिलेगा पारस। नहीं तो अपना   रास्ता लीजिए।”
 राजपंडित ने खूब विचार कर कहा-” है तो बड़ा कठिन लेकिन मैं तैयार हूं।”
गड़रिया बोला-” मिल गया जवाब। यही तो कुआं है! लोभ का, तृष्णा का जिसमें आदमी गिरता जाता है और फिर कभी नहीं निकलता। जैसे कि तुम पारस को पाने के लिए इस लोभ रूपी कुएं में गिरते चले गए।

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Subodh Singh Pant
5 years ago

Dear friends Thanks for your's suggestion.
But some limitation occured here,that it is only hindi website.
Buy the way, kindly provide your E-mail for recieving story in English mode.

Unknown
5 years ago

Please tell your story in english