पांच प्रकार की गृहिणियॉं-panch prakar ki gharniya

panch-prakar-ki-ghraniya
panch prakar ki ghraniya

पांच प्रकार की गृहिणियॉं

panch prakar ki gharniya :एक बार गौतम बुद्ध अनाथपिंडक सेठ के घर पधारे। वे बातचीत कर ही रहे थे कि अंतःपुरमें कलह होने की आवाज सुनाई दी। तथागत के उस संबंध में पूछने पर सेठ ने बताया कि, वे अपनी बहू सुजाता के कारण बड़े परेशान हैं। वह बड़ी अभिमानिनी हैपति का अनादर करती है और हमारी अवज्ञा। इसी कारण घर में हमेशा कलह रहता है।
panch-prakar-ki-gharniya
panch prakar ki gharniya gautam buddha


panch prakar ki gharniya:एक बार गौतम बुद्ध अनाथपिंडक सेठ के घर पधारे। वे बातचीत कर ही रहे थे कि अंतःपुर में कलह होने की आवाज सुनाई दी। तथागत के उस संबंध में पूछने पर सेठ ने बताया कि वे अपनी बहू सुजाता के कारण बड़े परेशान हैं। वह बड़ी अभिमानिनी हैपति का अनादर करती है और हमारी अवज्ञा। इसी कारण घर में हमेशा कलह रहता है।

panch prakar ki gharniya


तथागत ने सेठ से बहू को भेजने को कहा। उसके आने पर उन्होंने उससे प्रश्न किया- बताओ भलातुम वधिकसमा,चोरसमाआर्यसमामातृसमा तथा भगिनीसमा इन पांच प्रकार की गृहिणियों में से कौन हो?’

सुजाता बोली- 
मैं इनका तात्पर्य समझी नहीं। कृपया स्पष्ट करें।तब तथागत बोले-

 

panch prakar ki gharniya
panch prakar ki gharniya
  •  जो गृहिणी हमेशा क्रोध करती रहती हैजिसका पति पर बिलकुल प्रेम नहीं होताजो उसका अपमान करती है और परपुरुष पर मुग्ध होती हैवह ठीक एक हत्यारिणी के समान होती है और इसीलिए ऐसी स्त्रियों को वधिकसमाकहा जाता है।

* जो अपने पति की संपत्ति का सदुपयोग नहीं करतीवरन्‌ उसे चुराकर अपने उपभोग में लाती है वह चोरसमाहोती है।’

lord-buddham-motivaional-stoy-in-hindi
lord buddha motivaional stoy in hindi

panch prakar ki gharniya


* जो आलसी होती है बिलकुल काम नहीं करती
कर्कशा होती है तथा पति के सामने अपना बड़प्पन दिखाती

 हैवहआर्यसमाहोती है।


* जो हमेशा अपने पति का चिंतन करती है
अपने प्राणों से भी अधिक उसकी रक्षा करती 

हैवह मातृसमाहोती है।


* जो बहन के समान पति पर स्नेह करती है तथा लज्जापूर्वक उसका अनुगमन करती 


हैवह भगिनीसमा‘ होती है। तब बताओ भलातुम इनमें से कौन हो?’


यह सुनते वह तथागत के चरणों में गिर पड़ी और बोली- भगवन्‌ ! मुझे क्षमा करें। इनमें से मैं कौन हूंयह बताने में मेरी वाणी असमर्थ हैकिंतु आपको विश्वास दिलाती हूं कि आज से मैं अपने पति और बड़ों का आदर करूंगी तथा उनका जी नहीं दुखाऊंगी। आज से मैं अपने को घर की दासी मानकर ही जीवनयापन करूंगी।


अच्‍छा दोस्‍तो म‍िलते है अगली बार क‍िसी ऐसी ही Inspirational Post, Inspitaional Story,Motivational कहानी के साथ,तब तक के ल‍िये Stay happy,नमस्‍कार,जय हिंद.

 

warms & regards 

पॉंजिटव बातें 

Best Quotes:

Recommend for You : 

  1. +Thinking In Hindi  : जिम रॉन अनमोल व‍िचार
  2. Inspiring  Story : गुरू शि‍ष्‍य और चावल की Best कहानी 
  3. Heart Touching Story :मॉं की ममता कहानी
  4. Happiness kaise Prapt kre : असली ख़ुशी क्या है

 

Readers Choice:

Best Of PositiveBate:

 

YouTube    :  PositiveBate

 Blog          :  Positivebate.com

 E-mail       :  Positivebate@gmail.com

Instagram  :  Positivebate18

प्रि‍य दोस्तों यद‍ि आपके पास भी कोई प्रेरणादायक कहानी,स्वंय के अुनभव ज‍िनके माध्‍यम से आप दूसरों की ज‍िदंगी बेहतर बनाने में अपना सहयोग देना चाहते है। तो अपनी कहानी अपने नाम के साथ Positivebate@gmail.com पर भेज दीज‍िऐं,आपकी कहानी आपके नाम के साथ प्रदृश‍ि‍त की जायेगी ।

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments