गहरी दोस्ती की कहानी
Pakki dosti ki kahani: दोस्तो आज इस कहानी के माध्यम से आपको दो दोस्तो की कहानी बताने जा रहा हूँ, जिन्होने अपने पक्की दोस्ती का सीक्रेट क्या है, और उस सीक्रेट का प्रयोग कर हम भी अपनी जिदंगी को कामयब,अपने सबंधाे (Friendship ki kahani)को और मजबूत बना सकते है. आपने यह पोस्ट पढने का निर्णय लिया इससे यह पता चलता है.कि आप भी अपने माता-पिता, पति/पत्नी, दोस्तो अपने बॉंस से मधुर सबंध बनाये रखना चाहते है.इस पोस्ट को पढ़ने के बाद निश्चित ही आपको अपने अदंर सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेगा.
एक गांव में दो परिवार रहते थें. दोनो परिवारों का एक दूसरे से बहुत घनिष्ठ रिश्ता था. जिस कारण उन परिवारों के बच्चों की भी आपस में बहुत अच्छी दोस्ती थी. इन दोनो परिवारों में दो लडके थें. जो एक ही कक्षा में पढते थें और एक साथ ही स्कूल जाया करते थें..
उनकी दोस्ती बहुत गहरी(Friendship ki kahani)थी और वे बचपन से साथ-साथ एक ही Class में पढ़ते आ रहे थें. इस समय वे दोनो 8th कक्षा (Class) में थें. उनकी गहरी दोस्ती की पूरा गांव मिसाल देता था कि दोस्ती हो तो इन दोनो जैसी.
उनकी दोस्ती से गांव के लडको के साथ-साथ कक्षा के students भी चिढ़ते थें, और सोचते रहते थें कि इन दोनों की किस प्रकार दोस्ती तुडवाई जाये. इसके लिये वे कुछ ना कुछ करते रहते थें. परंतु ये दोनो दोस्त अपने विवेक के बल पर उस साजिश से पार पा लेते थें.
गहरी दोस्ती की कहानी-Pakki dosti ki kahani
यह पूरी Class के आश्यचर्य था आखिर उनकी दोस्ती (Friendship ki kahani) इतनी मजबूत कैसे है. वे सब इस बात का राज जानने में लगे रहते थें. एक दिन उनके Teacher ने Class में आकर बताया कि स्कूल की तरफ से एक पिकनिक का आयोजन किया जा रहा है.
इस बार पिकनिक के लिये एक Tourist स्थान का चयन किया जा रहा है. जा भी छात्र-छात्राये जाने के इच्छुक हो वे सभी अपने Class Teacher को कल सुबह नाम लिखवा दे.
इस पर दोनो दोस्तो (Friendship ki kahan)ने एक-दूसरे से पूछा कि क्या करना है.
तब पहले दोस्त (Friendship ki kahan) ने कहा कि बता क्या करना है.
इस पर दूसरे दोस्त ने कहा जो तू कहेंगा वही करेगे.
इस पर पहले दोस्त ने कहा तो ठीक है कल पिकनिक के लिये नाम लिखवा देगें
Class में और भी पक्के दोस्तो की जोडी (Friendship ki kahani) थी.सबने अपने-अपने नाम Class Teacher को लिखवा दिये. अब सभी लोग पिकनिक के दिन का इंतजार करने लगे.
आखिरकार वह दिन आ ही गया जिसका सभी छात्र-छात्राओं को बेसब्री से इंतजार था.
स्कूल के बाहर बस खडी थी और सभी छात्र-छात्राऐं अपने-अपने घर से कुछ ना कुछ खाने का समान लेकर आये थें.
जब बस में सभी students बैठ लिये,उसके बाद दो Teacher बस में आये और सबकी हाजिरी लगायी.
दोनो पक्के दोस्तो भी पास-पास एक ही सीट पर बैठे थें.
गहरी दोस्ती की कहानी-Pakki dosti ki kahani
बस चल पडी,
पूरी बस में चहल-पहल हो रही थी.
कोई गांना गा रहा था,
कोई जोक सुना रहा था
और कोई नारे लगा रहा था
बस अपनी स्पीड से गंतव्य की और तेजी से भागी जा रही थी.
वे दोनो दोस्त भी अपनी-अपनी सीट पर बैठे इन सभी का आनद ले रहे थें.
कुछ देर बाद जब दोनो को भूख लगी, तो उन्होने घर से लाया हुआ थोडा सा स्नैक्स निकालकर खाना शुरू कर दिया और कुछ देर बाद वे भी अन्य विधार्थयों के साथ मस्ती में शाामिल हो गये. दो घटे का सफर करके बस हस्तनिपुर पहुच गयी.
इसके बाद Teacher ने सभी छात्र-छात्राओं को सकुशल बस से उतरवाया.इसके पश्चात एक वे सब बच्चों को लेकर जम्बूदीप नाम जगह पर लेकर गयें. वही पास में एक खाली जगह पर सबको बिठाया और सबका खाना एक जगह एकत्रित किया और सबको खाना खिलाया.
इसके पश्चात Teacherने उन्हें जम्बूद्धीप में कई मंदिरों में घुमाया.
इसक पश्चात वे सब बच्चों को लेकर पांडवों का महल दिखाने लेकर गये. वहां तक के रास्ते में एक छोटी सी नदी को पार करना था. सब students आगे-आगे जा रहे थें और दोनो पक्के दोस्त पीछे-पीछे आ रहे थें. Class में उनके राज जानने वाले तीन-चार दोस्त भी उनके पीछे थें.
गहरी दोस्ती की कहानी-Pakki dosti ki kahani
छोटी सी नदी को पार करते समय एक दोस्त(Friendship ki kahani)की गलती से दूसरा दोस्त पानी में नीचे गिर
गया.
इस पर नीचे गिरने वाले दोस्त (Friendship ki kahan) ने गुस्से में आकर पहले दोस्त के मार दिया.
तब मार खाने वाले दोस्त ने उसकी पैट शर्ट जल्दी-जल्दी साफ करायी क्योंकि वे लोग पीछे रह गये थें.
मार खाने वाले दोस्त ने पहले दोस्त से कहा
तू चल में आता हूँ.
पीछे से आने वाले और students बहुत खुश हो गये थें कि आज तो इनकी लड़ाई हो गयी.
और खुश होकर उसे छोडकर आगे बढ़ने लगें
पिटाई खाने वाला दोस्त बरसाती नदी के किनारे पर वापस आकर रेत पर कुछ लकडी से कुछ लिखने लगा.
आगे चलने वाले students ने पीछे मुडकर देखा तो आपस में खुसर-पुसर करने लगे ये वहाँ क्या कर रहा है.
और आवाज लगायी जल्दी से भाग कर आ.
सर नाराज हो रहे है.
वह भी दौडता हुआ गया और अपने दोस्त (Friendship ki kahan) के पास जा कर खड़ा हो गया..
अब तक दोस्त का गुस्सा भी ठंडा हो चुका था. अब बारी थी थोडी सी चढ़ाई की जहां पर पांडवों का किला था. सब students धीरे-धीरे चढ़ने लगे.
दोनो दोस्त भी पीछे-पीछे थें कि अचानक ही पिटााई वाले दोस्त का पैर फिसल गया……….
जिसको उसके पीछे चलने वाले दोस्त ने तुरत-फुर्ती से पकड लिया और वह गिरने से बच गया.
तब वह पिटाई खाने वाला लड़का थोडा साइड हो गया और एक पत्थर उठाकर वहां मौजूद बडे से पत्थर पर कुछ लिख दिया.
गहरी दोस्ती की कहानी-Pakki dosti ki kahani
इनके पीछे वही कक्षा के विधाथिर्यों की टोली थी……….
जो हमेशा इसी उधेड-बुन में लगे रहते थें कि इनकी पक्की दोस्ती का राज क्या है…
आज कुछ समय के लिये उनको खुशी तो मिली जब एक दोस्त ने दूसरे दोस्त को मारा ……
पर ये क्या ये तो दोनो फिर एक हो गये और अबकी बार पानी में गिरने वाले दोस्त ने अपने दूसरे दोस्त को चढाई से फिसलने से बचाया………..
उन्होने देख लिया था कि इसने बडे से पत्थर पर कुछ लिखा है…
…
इन सारी घटनाओं को Teacher की चतुर निगाहें भी देख रही थी परंतु वो चुप थें ………
अब सब students आगे बढ़ने लगे और ऊपर पहुच गये………….
अब Teacher ने बताया कि बच्चो ये पांडवों का किला था. समय-बीतने के साथ ये खडंहर में तब्दील हो गया था.
यह देखकर students बहुत खुश हुयें….. इन सब जगह- घूमते-घूमते दोपहर के 3 बज गये थें. इसके पश्चात Teacher ने सभी विधार्थयों को वापस चलने का आदेश दिया.
रास्ते में होने वाली घटनाओं के बारे में कुछ विधार्थयों ने Teacher को बता दिया था कि सर इन दोनो में लड़ाई हो गयी थी………….
गहरी दोस्ती की कहानी-Friendship ki kahani
और ये वहां रेत पर और पत्थर पर कुछ लिखकर भी आया था सर इससे पूछना कि इसने क्या लिखा था.
Teacher ने उनकी बात को सुना और फिर विधार्थयों को बस में चढ़ाने लगे………..
सभी छात्र-छात्राऐं बहुत खुश थें.
बस वहां से चल दी और रास्त भर बच्चे मस्ती करते रहे सभी वहां के मंदिर जम्बूद्धीप,पाडवों के किले के बारे में ही बाते
कर रहे थें.
जम्बूद्धीप,पाडवों के किले के बारे में ही बाते कर रहे थें.
कुछ घटों बाद बस स्कूल पहुच गयी जहां पर सभी विधार्थयों के माता—पिता इंतजार कर रहे थें.
और बस के पहुचते ही सभी चह-चहाते हुये बस से उतरे और अपने माता-पिता के पास पहुच गये.
तभी Teacherने जरूरी घोषणा की अब आपको परसो स्कूल आना है
इसके पश्चात बच्चे अपने माता-पिता के साथ-साथ अपने-अपने घर चले गयें.
अगले दिन पूरे दिन आराम किया.
और फिर अगले दिन नहाकर स्कूल पहुचे .
नियत: समय पर Teacher Class में आये और पिकनिक के अुनभव पूछे. पूरी Class ने अपने-अपने अनुभव बडे ही
उत्साहति होकर बताये.
इसके बाद उन्होने दोनों दोस्तो (Friendship ki kahan) को बुलाया और पूछा कि तुम दोनो में लड़ाई क्यो हुयी थी.
इस पर पहले दोस्त ने कहा सर इसने मुझे नदी के पानी में गिरा दिया था.
फिर Teacherने पूछा कि तुमने फिर रेत पर क्या लिखा था.
गहरी दोस्ती की कहानी-Friendship ki kahani
इस पर पिटाई खाने वाले दोस्त ने कहा
सर मैने तो सिर्फ रेत पर यह लिखा कि आज मेरे सबसे प्यारे दोस्त ने मुझे मारा.
Teacherने पुन पूछा कि और पत्थर पर क्या लिखा था.
इस पर उसने बताया कि सर वहां लिखा था कि आज मेरे सबसे प्यारे दोस्त ने मेरी मदद की.
यह सुनकर Teacher आश्चर्य में पड़ गये. मतलब तो उनको समझ आ गया था.
फिर भी उन्होने पूछा कि इन दोनो बातो का मतलब बताओं .
तब दोस्त ने कहा सर अच्छी दोस्ती (Friendship ki kahan),सबंध बनाये रखने का यही सीक्रेट है..
कि जब भी आपका कोई खास,दोस्त,सगे-सबधी आपको किसी भी बात पर डाट लगाये,पिटाई करें,आपके नाराज हो .
तो ये बेकार के अनुभव को हमे रेत पर लिखना चाहिये.
क्योंकि जैसे ही अगली पानी की लहर आयेगे वो उस लिखें हुये को मिटा देगी.
इस प्रकार हमे भी अपने मन से वे बुरी बाते निकाल देनी चाहिये..
उन्हे पकडकर नहीं बैठना चााहिये.
गहरी दोस्ती की कहानी-Friendship ki kahani
फिर Teacherने पूछा कि और पत्थर पर लिखना …..
तब उस लडके ने बताया कि जब भी आपके साथ…
कोई आपका दोस्त,रिश्तेदार अच्छा कार्य करे तो उसको पत्थर पर लिखना चाहिये
जिससे की आप उस कार्य को कभी भूल नहीं पाये………..
अच्छी बातें पॉजिटव बातें हमेशा अपने दिमाग में रखनी चाहियें..
यह सुनकर Teacher ने सब बच्चों से कहा कि देखा तुम लोग हमेशा यही सोचते थें ना कि इनकी पक्की गहरी दोस्ती को
राज क्या है.
तो यह राज (Secret) था जो आज इस लडके ने बताया, कि
हमें हमेशा अपने अच्छे अनुभव को ही अपने दिमाग में रखना चाहिये.
ये अच्छे अनुभव हमें जिदंगी में बहुत कामयाब बनाने में सहायता प्रादान करते है.
Opanion:
दोस्तो इस प्रकार इस कहानी से हमे यह शिक्षा मिलती है.
कि चाहे दोस्ती हो,
सगे-सबंधी के साथ संबधो हो, हमें उन सबंधों को लम्बे समय तक चलाने के लिये अच्छे अनुभवों को ही अपने दिमाग में रखना चाहये.
और उनकी आपक लिये अच्छी बातों को कभी भी भूलना नहीं चाहिये.
ये सबंध आपके माता-पिता,भाई बहन,पति-पत्नि किसी से भी हो सकते है.
जब कभी भी आपको लगे कि बस बहुत हो चुका है.
इन्होने मेंरा जीना मुश्किल कर दिया है.
ये अपने आपको समझते ही क्या है.
गुस्से में कुछ भी निर्णय लेने से पहले
कृप्या एक बार कृप्या एक बार उन सभी अच्छी बातों को याद करने की कोशिश करना चाहिये,
किस प्रकार उन लोगों ने मुसीबत के समय आपकी सहायता की,
या जब आप किसी काबिल नहीं थें (students थें)उन्होने अपने माता-पिता होने को फर्ज निभाया.
और आज आप कामयाब होने पर माता-पिता की जरा सी डॉटने पर उनसे रिश्ता तोडने पर आमादा है.
जिस पति/पत्नी ने आपके लिये इतना समर्पण किया है आज उसकी जरा सी गलती के लिये आपके रिश्ते गलत दिशा में चले गये हे. हमे यह याद करने की कोशिश करनी चाहिये अपनी जिदंगी के सुनहरे पलों को कितनी बार हम दोनो ने एक दूसरे की मदद की, अपने घर के लिये खुशियां इकटठी की.
बार-बार उन पॉजिटव बातों को ही याद करना चाहिये, आप यह मान सकते है कि कितनी बार इन्होने मेरे लिये अच्छे कार्य किये,मेरे जरूरत हमेशा पूरी की, मेरी हरएक बात मानी.
अब अगर जाने-अनजाने में कोई गलती हो गयी तो उसकी वजह से इतनी सारी अच्छी बातों,अच्छे कार्यो पर पानी नहीं फेरा जा सकता.
आपने पुराने बडे-बूढों की ज्ञान की बातें सुनी होगी..
- वे कहते थे कि बीती बातें बिसार दें (अर्थात पुरानी बातों को भूलना ही श्रेष्ठ होता है). या
- पुरानी बातों पर पानी फेरों. इस तरह का नजरिया रखने पर जाने-अनजाने हम अपने को ही लाभ-फायदा पहुचाते है.
यह बातें वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी सही साबित prove चुकी है, कि लबें समय तक कोई भी बुरी,दुख पहुचाने वाली बातों को याद रखने से ये बातें हमें दुख,परेशानी और कृष्ट पहुचाती है.
दोस्तो
आज की गहरी दोस्ती की कहानी-Pakki dosti ki kahani- Friendship ki kahani कैसे लगी, किस प्रकार इस कहानी.Friendship ki kahani ने आपको प्रेरित किया. कृप्या Comment Box मे जाकर अपना अनुभव बताये.हमें आपके सुझावों,राय का स्वागत करते है.
अच्छा दोस्तो मिलते है अगली बार किसी ऐसी ही Inspirational Story,Motivational कहानी के साथ,तब तक के लिये Stay happy,नमस्कार,जय हिंद.
warms & regards
पॉंजिटव बातें
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