हैलो दोस्तो नमस्कार कैसे है आप सभी उम्मीद है सभी बहुत बढिया होगें, स्वागत है आप सभी का अपने ब्लॉंग पॉजिटव बातें पर,
जैसे कि आपने टाइटल देख लिया होगा आज हम बात कर रहे है, विधार्थियों की एक कॉंमन समस्या के बारे में पढाई में ध्यान कैसे लगाये ( Padhai Me Man Kaise Lagaye ), पढाई कैसे करें(Pdhai kaise kare),पढाई में मन कैसे लगाये ( Padhai Me Man Kaise Lagaye ),पढ़ाई करने का मंत्र (padhai karne ke tarika),पढाई में मन लगाने के उपाय ( padhai me man kaise lagaye mantra ),और भी इसी तरह के कारण जिसमें पढाई करने के बावजूद हमें मनचाहा परिणाम नहीं मिल पाता है.
दोस्तो आज एक कहानी के माध्यम से आपको इन सभी बातो का जबाव मिल जायेगा, क्योंकि कहानियों के माध्यम से हम चीजो को अच्छी तरह से अपने आप से रिलेट कर पाते है.
यह कहानी शुरू होती है, कि शहर से जहॉं एक नवयुवक अपने माता-पिता के साथ रहता था. वह युवक इस साल हाईस्कूल की परीक्षा दे रहा था. युवक मेहनत तो बहुत करता था, परतु उसके मन-माफिक रिजल्ट नहीं आता था. इस बात से उसके माता-पिता और खुद वो परेशान रहता था.
उसके गली के लडको से अच्छी दोस्ती थी जैसे कि आमतौर पर यंग उम्र में होती है. वह सारा दिन उनके साथ खेलता रहता था, शहर में घूमना फिरना, मॉंल जाना आदि उसकी आदतो में शुमार था.
पढाई में ध्यान कैसे लगाये – padhai me man kaise lagaye
इन सभी बातों के बावजूद उस युवक में एक खास बात थी की वह घटों किताब लेकर बैठा रहता था, और पढ़ता रहता था. उसके मां-बाप भी उसको इस तरह पढ़ता लिखता देखकर उसके खेलने-कूदने, यारो दोस्तो के साथ जाने को मना नहीं करते थें.
क्योंकि उनको दिखता रहता था कि हमारा लड़का खेलकर आने के बाद काफी देर तक पढ़ता रहता है. फिर भी कभी-कभी उससे कहते थे कि बेटा थोडा ध्यान से पढ करो(padhai me dhyan kaise lagaye).
धीरे-धीरे समय गुजरता गया और उस लडके के हाईस्कूल के पेपर आ गये. उसने ghar पर ही पूरी तैयारी की, और पूरी मेहनत के साथ पेपर दिये. उसे उम्मीद थी कि इतनी मेहनत करने पर कम से कम प्रथम श्रेणी तो आ ही जायेगी. उसके माता-पिता को भी भरोसा था कि यह अच्छे नबंरों से पास हो ही जायेगा.
कुछ समय बाद हाईस्कूल को रिजल्ट आया तो उसे देखकर लडके को बड़ा झटका लगा, क्योकि वह Second Division से पास हुआ था इसके पश्चात जब उसके पिता जी ने देखा कि यह परेशान हो रहा है.
तो उन्होने उससे कहा, कोई बात नहीं बेटे अगली बार ओर मेहनत करके अच्छे नबंर ले आना. और पढाई को थोडा ध्यान (padhai me man kaise lagaye ). इस पर उस लडके को थोडी हिम्मत बनी.
पढाई कैसे करें – padhai me man kaise lagaye mantra
वह अंगली क्लास में आ चुका था,.उसका वही पुराने वाला सेडूयल चल रहा था, दोस्तो के साथ घूमना फिरना और मौज-मस्ती करना जैसे कि सभी टीनएज करते है. कुछ समय बाद उसके 11 के पेपर आ गये और उसने अपनी क्षमता के साथ पेपर दिये, उसके अनुसार पेपर काफी सही हुये थे.
फिर उसका 11 क्लास का रिज्लट आया, जिसमें उसकी पुन Second Division आयी. अब तक के अनुभव से उसके माता-पिता को पता चल गया था कि यह मेहनत तो बहुत करता है. परतु इसकी परुामेंस क्लास में गडबड हो जाती है. इस बात से दोनो माता-पिता भी दुखी थें. और साथ ही वह लड़का खुद भी दुखी था.
जब उसने यह परेशानी अपने दोस्तो को बताई तो उसके एक दोस्त ने कहा कि यार तू जिस मंदिर में जाता है ना उसी के पुजारी से मिल कर यह बात पूछना.
सुना है कि वह पुजारी काफी पहुचें हुये है, और तू तो उस मंदिर में भगवान के दर्शन करने जाता ही रहता है. वह लड़का कहने लगा….
पढाई कैसे करें – padhai me man lagane ke upay
हाँ यार इस पर तो मैने ध्यान ही नहीं दिया उनके पास तो लोग
अपने दुख,परेशानी का जबाव पूछने आते रहते है.मैने तो इस पर ध्यान ही नहीं दिया, अब में उन पडित जी के पास जरूर जाउंगा और अपनी परेशनी का हल पूछूगा.
अगले दिन वह मंदिर गया उसने देखा कि पुजारी जी मंदिर के अहाते में गाय बांध रहे थें. वह वही मंदिर परिसर में घूमने लगा, तो
कही पर छोटे-छोटे बच्चे उदंड मचा रहे है.
महिलाये उसी परिसर में नल पर से पानी भर रही है.
कुछ आवारा कुत्ते परिसर में एक दूसरे पर भौक रहें है.
इतने में उसने देखा कि पडित जी भगवान की मूर्ति के पास बैठ गये….
और वे उसे बुला रहे थें…….
लड़का मंदिर के अंदर गया और पुजारी जी के पैर छुए……….
फिर वह युवक कहने लगा कि बावा यहां मंदिर परिसर में क्या हो रहा है………..
कुत्ते आपस में लड रहे है.
छोटे-छोटे बच्चे सारे परिसर में शोर मचाते भाग-दौड रहे है…..
नल पर पानी भरती महिलाये भी आपस में तेज-तेज बाते कर रही है…
इन सबके बीच कैसे प्रभु,ईश्वर की आराधना कर सकते है…..
तब पुजारी जी ने कहा कि तुम इन बातों का
जबाव लेना चाहते हो…..
तभी लडके को ध्यान आया कि नहीं बावा में तो अपनी परेशानी को जबाव लेने आया था कि मैं चाहे कितनी ही मेहनत कर लू, में फिर भी औसत अंक से ही पास होता हूँ.
पढाई में ध्यान कैसे लगाये
कृपया इसका समाधान बताईये……….
यह सुनकर पंडित जी बोले…….
तुम कल सुबह आना और साथ ही दूध से भरा लौटा लेकर आना है.
पैदल ही आना है.
वैसे भी कल भगवान शिव का दिन सोमवार है………
फिर में आपके सवाल का जबाव बताउंग
यह सुनकर लउका चला गया और अगले दिन सुबह-सुबह उत्साहपूर्वक तैयार हुआ.
उसकी मां ने उसके लिये दूध का लौटा भरकर रखा था, कुछ फूल भी रखें थें.
जब वह मंदिर परिसर में पहुचा तो पडित जी गाय को बांध रहे थें. उसके बाद वह मंदिर के अंदर आये. वह दूध को लौटा लेकर और फूल लेकर मंदिर के अंदर गया और पुजारी जी को दे दिया.
पुजारी जी ने लौटे की तरफ एक नजर देखा और फिर उस लडके से कहा,
कि इसको शिवलिग पर चढा दो…………..
लडके ने दूध को लौटा शिवलिग पर चढ़ा दिया और पडित जी के पास आकर बैठ गया……….
और इंतजार करने लगा कि पंडित जी कुछ बताये……..
पढाई कैसे करें- padhai me man kaise lagaye
पंडित जी उसके मन के भावों को जान गये थें…………
उन्होनें कहा बेटा आज तुमको यहाँ आकर कैसा लगा…………….
कुछ व्यवधान,दिक्कत,परेशानी हुई जैसा कि कल तुमको हुई थी……
इस पर लडके ने कहा कि नहीं बावा आज तो ऐसा कुछ नहीं हुआ .
इस पर पंडित जी ने कहा कि जाओं बाहर देखकर आओं कि आस-पास क्या हो रहा है.
यह सुनकर लड़का बाहर गया और आकर पंडित जी को बताया बावा बाहर तो कल की तरह का ही दृश्य है.
आप कहना क्या चाहते है……
मैं कुछ समझा नहीं इस पर पंडित जी ने कहा कि कल का दिन भी माहौल भी आज की तरह ही था.
कल तुमने मेरे पास बैठते ही बाहर की बुराईया बताना शुरू कर दी..
परंतु आज तुमको कुछ दिखायी नहीं दिया……….
जबकि आज भी कल की तरह का ही दृश्य है…
आज भी औरते तेज आवाज में बाते करती हुई नल से पानी भर रही है.
बच्चे खेल भी रहे है,शोर भी मचा रहे है,लड भी रहे है.
कुत्ते भी एक दूसरे से लड़ाई कर रहे है.
पढाई में ध्यान कैसे लगाये – ghar par padhai kaise kare
इस पर लडके ने कहा कि आप सही कह रहे है. पर इसका मेरे सवाल से क्या तालुक्क है.
तब पंडित जी ने कहा ध्यान से सुनो,
आज जब तुम मंदिर आये थें तो तुम्हारा पूरा ध्यान अपने लौटे में रखें दूध पर था जो कि ऊपर तक भरा हुआ था. जब तुम आये तो तुम्हाँरा पूरा ध्यान इस बात पर था कि कही दूध लौटे से छलक ना जाये..
कही दूध खंडित ना हो जाये…इसलिये तुमने पूरी कोशिश की और पूरा ध्यान रखा कि सही सलामत दूध से शिवलिग का दुगदाभिषेक हो जाये…
और इस कार्य में तुम पूर्णतया सफल रहें……………
यही कारण है कि आज तुम्हे आस-पास के कौताहल पूर्ण वातावरण ने प्रभावित नहीं किया ओर तुम्हारा ध्यान उन चीजो पर नहीं गया….जिससे तुम्हाँरा ध्यान बिगडता….
ठीक यही चीजे तुम्हारे साथ हो रही है.
क्योकि जैसा कि तुम बता रहे हो कि तुम दोस्तो के साथ घूमते फिरते रहते हो ओर उसके बाद आकर घटों पढ़ाई करते हो परतु फिर भी तुम्हाँरें मार्क्स तुम्हाँरी उम्मीद के अनुरूप नहीं आते तो इसको कारण यह है कि जब तुम अपने दोस्तो कि साथ मौज मस्ती करते रहते हो..
पढाई में ध्यान कैसे लगाये – ghar par padhai kaise kare
और उसके बाद जब पढ़ने के लिये बैठते हो तो तुम्हाँरा ध्यान पढ़ाई में नहीं लगता (padhai me man kaise lagaye )और इस कारण ही तुम पेपर में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाते हो.
अब उस युवक को कुछ-कछ बात समझ आ रही थी. क्योकि ये तो सच था कि जब वो पढाई करने बैठता था तो उसके दिमाग में दोस्तो के साथ बितायी दिन भर की सारी बातें ही घूमती रहती थी. वो सोचता रहता था िकि पढाई कैसे करें (Pdhai kaise kare)उसको ध्यान पढाई पर कम लगता था(padhai me dhyan kaise lagaye)ये तो सच था.
ये सोचकर उसने पंडित जी को धन्यवाद कहा और अपने घर चला गया.
अबकी बार उसके 12 वी के पेपर थें उसने दोस्तो के साथ घूमना-फिरना कम कर दिया और मन और पूरा ध्यान लगाकर पढ़ाई की और पूरी मेहनत से पेपर दिये. नियत समय पर उसका रिजल्ट आया जिसमें इस बार उसकी प्रथम श्रेणी आयी थी.
वह और उसके माता-पिता बहुत खुश थें. आज उस युवक को पंडित जी ने बहुत ही ज्ञान की बात बता दी थी.
In Opanion:
दोस्तो इस कहानी पढाई में ध्यान कैसे लगाये – Padhai Me Man Kaise Lagaye से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें हर एक प्रत्येक कार्य को पूरे ध्यान,मनोयोग से करना चाहियें. इस प्रकार कार्य करने से उसमें सफल होने के ज्यादा अवसर होगें.
दोस्तो आपको यह पढाई कैसे करें(Pdhai kaise kare) कहानी कैसी लगी कृप्या Comment Box मे जाकर अपना अनुभव बताये.हमें आपके सुझावों,राय का स्वागत करते है.
अच्छा दोस्तो मिलते है अगली बार किसी ऐसी ही Inspirational Story,Motivational कहानी के साथ,तब तक के लिये Stay happy,नमस्कार,जय हिंद.
warms & regards
पॉंजिटव बातें
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Very nice article.
Thanks a lot Mr. Shohan singh ji, Keep happy stay with us.