जादुई बाज की कहानी-Motivational Story Of Eagel In Hindi – jadui baaj ki kahani best hindi moral story

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                           बाज की कहानी 
 
हैलो दोस्‍तो नमस्‍कार कैसे है आप सभी उम्‍मीद है सभी बहुत बढिया होगें, स्‍वागत है आप सभी का अपने ब्‍लॉंग पॉजिटव बातें पर,
दोस्‍तो कल एक पुरानी फिल्‍म धर्म वीर(Dharam-Veer) देखते समय, एक सीन में प्राण एक पास एक बाज (eagle) को देखकर मुझे उससे जुड़ी हुई एक बात याद आ गयी , जो संभवत मैने  कही  सुनी थी,  बाज (eagle)हमें जिदंगी से जुडा हुआ एक बहुत बड़ा संदेश देता है कि, Motivational Story Of Eagel In Hindi 
जब हम लगे कि अब कुछ नही हो सकता सब कुछ हमारे हाथ से निकल गया,हमे अपना ऊपर विश्वास ख़त्म हो रहा है, सब तरफ अंधेरा है, ठीक उसी समय ज्‍यादतर इंसान हतोत्‍साहित हो जातें है और गलत कदम उठा लेते है……..
Motivational-Story-Of-Eagel-In-Hindi
Motivational Story Of Eagel In Hindi


दोस्‍तो अमूमन  बाज (eagle) की  जिंदगी 70 वर्ष होती है, बाज (eagle)की जिंदगी में  भी एक समय ऐसा आता है लगभग 40 वर्ष के दौरान उसे अपनी जिंदगी को आगे बढ़ाने के लिए तीन निर्णयों  में सें किसी एक चुनाव करना होता है.क्‍योंकि उसके शरीर के तीन अगं निष्प्रभावी
होने लगते है।

 पंजे चोच और पंख
*उसके पंजे (पंजा) लम्बे और लचीले हो जाते हैं तथा बाज (eagle) शिकार पर पकड़ बनाने में अक्षम होने लगते हैं।
*चोंच आगे की ओर मुड़ जाती है और बाज (eagle)के भोजन में व्यवधान उत्पन्न करने लगती है।
*इतना ही नहीं, बाज (eagle) के पंख भी भारी होकर उसकी उड़ान को सीमित कर देते हैं।
अत: इस प्रकार बाज (eagle)की  भोजन ढूँढ़नेंभोजन पकड़ने और भोजन खाने – तीनों प्रक्रियाओं की अपनी धार को खोने लगता हैं।
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eagle ki kahani

जादुई बाज की कहानी- Eagle Ki Kahani

*अब पक्षि‍यों के राजा बाज (eagle)के  पास निम्‍न रास्‍ते बचतें है,

1. अपनी देह को त्याग दे।
2. या फिरगिद्धकी तरहत्यागे हुए भोजन पर ही निर्वाह करे।
3. और या फिर वह “स्वयं को पुनर्स्थापित(बैकअप)करे।
Eagle Ki Kahani
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वास्तविकता का जहाँ तक प्रश्न हैतो उपरोक्त तीनों विकल्पों में से पहले दो विकल्प सरल और त्वरित हैं।
और अंत में बचता है तीसरा विकल्प, जो कि लम्बा और अत्यन्त पीड़ादायी,कष्टदायी रास्ता है।लेकिन बाज (eagle)चुनता है तीसरा रास्ता और स्वयं को पुनर्स्थापित करता है. लेकिन आखिर में बाज (eagle)चुनता है तीसरे विकल्प को – तीसरे रास्ते को- यानि कि वह स्वयं को पुनर्स्थापित करता है।

जादुई बाज की कहानी- Short Story on eagle

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jadui baaj ki kahani

और ऐसा करने के लिए बाज (eagle)किसी  ऊँचे पहाड़ की चोटी पर चला जाता है, जहां एकान्त में अपना घोंसला बनाता है,और तब सबसे पहले वह अपनी चोंच को चट्टान पर मार-मार कर तोड़ देता है. अपनी चोंच को तोड़ने के बाद बाज (eagle) प्रतीक्षा करता है. अपनी चोंच के पुनः उग आने की।

और उसके बाद वह अपने पंजों को भी उसी प्रकार ही तोड़ देता है.और फिर प्रतीक्षा करता है अपने पंजों के पुनः उगने की. और जब उसकी नयी चोंच और पंजे पुन: उग आते हैं. बाज (eagle)बहुत अध‍िक पीड़ा सहकर अपने भारी पंखों को भी एक-एक करके नोंच कर निकाल देता है.और फिर प्रतीक्षा करता है अपने पंखों के पुनः उग आने का,यानि कि इस एक सौ पचास (150) दिन‘  की पीड़ा और प्रतीक्षा के  बाद………….

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जादुई बाज की कहानी- eagle ki kahani

बाज (eagle)को फिर से वही पहले जैसी भव्य‘ और ऊँची‘ उड़ान पुन: हासिल हो जाती है। और इस पुनर्स्थापना‘ के बाद बाज (eagle)अतिरिक्त तीस वर्ष और ऊर्जा‘, ‘सम्मान‘ एवं गरिमा‘ के साथ अपना जीवन जीता है। 

jadui baaj ki kahani
jadui baaj ki kahani

दोस्‍तो, ‘एक सौ पचास‘ दिन न सहीअगर हम मात्र 50 दिनों का समय ही अपने आपको पुनर्स्थापित करने में लगा दें – हाँ ये भी सही बात है कि जो शरीर और मन से चिपका हुआ है,. उसे तोड़ने और नोंचने में पीड़ा तो अवशय होती है – लेकिन नि:संदेह ही  50 दिनों के पश्चात हमारी उड़ानें भी बाज (eagle)की भांति सम्मानीयगरिमापूर्णभव्य एवं ऊँची – अनुभवी होंगी – अनन्तगामी होंगी.

In Opanion: दोस्‍तो आपको आज की यह Post जादुई बाज की कहानी- eagle ki kahani कैसी लगी, क्‍या  आपने इस Post  जादुई बाज की कहानी- eagle ki kahani से कुछ Moral प्राप्‍त किया यदि हां तो आप Comment Box  के माध्‍यम से आपने अनुभव पाठको के साथ जरूर शेयर करें.

 

अच्‍छा दोस्‍तो म‍िलते है अगली बार क‍िसी ऐसी ही Inspirational Story,Motivational कहानी के साथ,तब तक के ल‍िये Stay happy,नमस्‍कार,जय हिंद.

warms & regards 

पॉंजिटव बातें 

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Thans Mr. Unknown ji, Yours comment show that you will be getting new hight in your future like a Eagl.
Keep Happy & stay with us.

पॉंजिटव बातें

Thanks a milliion Mr.Viney Sharma ji, Stay happy with us.

Unknown
4 years ago

बहुत उम्द्दा

Viney sharma
Viney sharma
5 years ago

Verma ji thanks for publishing such nice post.

पॉंजिटव बातें

Apka Bhut Bhut Dhanywad Alka ji, hamara sath connect rahane ka liya dhyanwad.

Alka priydarshni
5 years ago

Sahi Kaha Apne sir, Kahi na Kahi hma hamari bad habbit hi hamari safalta ma badak Banti ha and inhe remove Karke jindgi ma safalta parpt Mr sakate ha, Thanks for such inspirational story.