मेहनत का धन | Mehnat Ka Dhan best Hindi moral story

Mehnat-Ka-Dhan
Mehna Ka Dhan

मेहनत का धन | Mehnat Ka Dhan : एक नगर में एक सन्यासी (Hermit) रहता था और वह एक धनवान किन्तु अहंकारी सेठ (Businessmen)से परेशान था |जब सन्यासी (Hermit) भिक्षा लेने जाता तो वह उस सन्यासी (Hermit) को देखकर कोई न कोई ताना जरुर मारता था. सन्यासी (Hermit) उस सेठ (Businessmen)के तानो से इतना परेशान हो गया.

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और उसका कोई उपाय ढूढने लगा और फिर उसने भिक्षा के लिए जाते समय जब सेठ (Businessmen)ताना मारता तो वह मन मारकर हँसता और आगे बढ़ जाता |

मेहनत का धन | Mehnat Ka Dhan

एक दिन सन्यासी (Hermit) ने अपने एक भक्त के सामने अपनी समस्या कही तो भक्त भी परेशान हो गया की संत का अपमान करना तो बहुत बड़ा पाप है फिर सेठ (Businessmen)रोजाना ही एसा करता है ?

भक्त ने सोचना शुरू किया और विचार किया की सेठ (Businessmen)के पास धन बहुत है और सन्यासी (Hermit) के पास कुछ भी नहीं है इसलिए सेठ (Businessmen)सन्यासी (Hermit) पर हँसता है अगर किसी युक्ति से सेठ (Businessmen)का धन नाश हो जाये तो फिर सेठ (Businessmen)कभी एसा नहीं करेगा |

भक्त ने सन्यासी (Hermit) को कहा की कल जब आप भिक्षा लेने जाओ और उस समय सेठ (Businessmen) ताना मरे तो उनके पास जाना और कहना की जब आप हँसते है तो आपके घर में गडा धन और आगे थोडा दूर चला जाता है |

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दुसरे दिन सन्यासी (Hermit) ने ठीक एसा ही किया तो सेठ (Businessmen)के ललाट पर चिंता का भाव आ गया और वो सन्यासी (Hermit) को पूछने लगा की धन को वापस करीब लेन के लिए आप कोई उपाय बताये |

मेहनत का धन | Mehnat Ka Dhan

तो सन्यासी (Hermit) ने कहा की अपना सारा धन घर में एक खड्डा खोदकर उसमे डाल दो और ऊपर से मिटटी भर दो और फिर कभी उस धन के हाथ मत लगाना जब तक में न कहू |

सेठ (Businessmen)ने ठीक एसा ही किया और अपना सारा धन गड्ढे में भर दिया अब उसके पास कुछ नहीं बचा था यहाँ तक की खाने के लिए भी धन नहीं बचा तो वो फिर सन्यासी (Hermit) के पास गया और पूछा की अब क्या करू खाने के भी लाले पड़े है तो सन्यासी (Hermit) ने कहा की कुछ ही दिन की बात है.

मेहनत का धन | Mehnat Ka Dhan

खूब मेहनत करो और अपना गुजारा करो और जब धन के पास धन आ जायेगा तो मैं बता दूंगा तो वह धन भी निकाल लेना |

समय गुजरता गया और सेठ (Businessmen)ने फिर से मेहनत करना शुरू कर दिया और मेहनत मजदूरी करके एक छोटा सा व्यापार कर लिया उसमे उसको बहुत सफलता मिली और वो फिर से वेसा ही धनवान बन गया |

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एक दिन जब सन्यासी (Hermit) उधर से निकला और उसने देखा की आज सेठ (Businessmen)उसको देखकर हंस रहा है तो उसने इसका कारण पूछा तो सेठ (Businessmen)ने कहा की पुराना धन मेरे को पिता की सम्पति से मिला था.

मेहनत का धन | Mehnat Ka Dhan

इसलिए वो मेरे को रोजाना ताना बोलने के लिए मजबूर करता था और अब मेरे पास अपनी मेहनत का धन है इसलिए ख़ुशी से हंसी और प्रसन्नता दे रहा है |

सन्यासी (Hermit) ने कहा की धन ही सब समस्या का कारण है जेसा धन होता है वेसा ही व्यक्ति का आचरण बन जाता है मेहनती का धन विनम्रता और शिष्टाचार को सिखाता है | अब सेठ (Businessmen)ने सन्यासी (Hermit) का स्वागत किया और भिक्षा देकर के ससमान विदा किया |

In Opanion: दोस्‍तो आपको आज की यह मेहनत का धन | Mehnat Ka Dhan कैसी लगी, क्‍या आपने इस मेहनत का धन | Mehnat Ka Dhan से कुछ Moral प्राप्‍त किया यदि हां,

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अच्‍छा दोस्‍तो म‍िलते है अगली बार क‍िसी ऐसी ही Inspirational Story,Motivational कहानी के साथ,तब तक के ल‍िये Stay happy,नमस्‍कार,जय हिंद.

warms & regards 

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