भिखारी की हाजिर जबावी ने बनाया ???? । hajir jawabi kaise bane best 1 hindi story

hajir-jawabi-kaise-bane
hajir-jawabi-kaise-bane

hajir jawabi kaise bane : एक भिखारी पूरे नगर में दि‍न भर घूमकर भीख मागंकर बहुत सा अनाज जमा कर लेता था। अनाज देने वाले लोगों को लगता था, क‍ि इस भि‍खारी को इसकी जरूरत से अधिक अनाज मि‍ल जाता है। आखि‍रकार एक दिन लोगों ने उससे पूछा कि अरे बावा तुम  इस सारे अनाज का क्या करते हो?

hajir-jawabi-kaise-bane
hajir-jawabi-kaise-bane

इस पर वह भि‍खारी बोला क‍ि दानदाताओं मुझे चार सेर अनाज म‍िला करता है,

इसमे से एक सेर को में राक्षसी  को देता हूं,

एक सेर को में उधार के रूप में देता हूं,

एक सेर को में पानी में डाल देता हूं,

और बाकी एक सेर को में मद‍िर के भगवान को अर्पित कर देता हूंं,

भिखारी की हाजिर जबावी ने बनाया ।hajir jawabi kaise bane

लोगों को उसकी बात काफी अजीब लगी और उनकी समझ में नही आयी, उन सबको उसकी बातें गुमराह करने वाली लग रही थी, इसल‍िये वे सभी उसे पकड़कर राज्‍य के राजा के पास ले गयें.

उन लोगों ने उस भ‍िखारी की सारी अनाज की बात और उसके बदले उसके द‍ि‍ये गये उत्‍तर को राजा को व‍िस्‍तार से बता द‍िया,

इस पर राजा बहुत क्रोध‍ित हुये और भ‍िखारी से कहा,

ये सब लोग क्‍या कह रहे है,

राक्षसी,उधार,पानी में डालना,भगवान को भोग.

ये सब क्‍या है, स्‍पष्‍ट बताओं

इस पर उस भ‍िखारी ने बोलना शुरू क‍ि‍या क‍ि महाराज मेरे द्धारा कही गयी एक एक बात ब‍िल्‍कुल सत्‍य है,

hajir-jawabi-kaise-bane
hajir jawabi kaise bane

इन सब का मतलब ये है,क‍ि

जब मेने राक्षसी कहा

तो उसका मतलब मेरी पत्‍नी से था,

ज‍ि‍सको सि‍र्फ खाना,सोना,पहनना आता है.

और उसे खिलाना, पहनना, मेरा कर्तव्य है.

दूसरा एक सेर उधार: एक सेर अनाज में अपने पुत्र को देता हूं,

क्याेकि वह अभी छाेटा है,

उसका लालन पालन करना मेरा धर्म् है,

जब वह जवान हो जायेगा और में बूढ़ा हो जाउंगा

तब वह मेरा ध्यान रखेगा और मुझे खिलायेगा,

इस प्रकार उसे में जो देता हूं, वह उधार ही है.

तीसरा एक सेर अनाज : ये में अपनी पुत्री को देता हूं,

जब वह खा-पीकर बड़ी हो जायेगी और शादी के बाद अपने पति के घर चली जायेगी,

तो यह ठीक उसी प्रकार होगा जिस प्रकार बहते पानी में अनाज फेकना, कितुं वह भी मेरा धर्म है.

भिखारी की हाजिर जबावी ने बनाया । hajir jawabi kaise bane

अब आखिरी सेर मेरे शरीर रूपी मंंदिर के लिये, उसमें बसने वाले प्राण रूपी भगवान के लिये, यदि इन्हे में अर्पण ना करू तो में अपने परिवार की गुजर-बसर कैसे करूंगा.

राजा भिखारी के उत्तर (हाजिर जबावी ) सुनकर बहुत प्रसन्न हुये और उन्होने कहा हमें तुम पडंति लगते हो.

आज से आप इसी राजदरबार में विशेष सलहाकार नियुक्त किये जाते है, इस प्रकार उस भिखारी ने अपने चतुराई पूर्ण उत्तर (हाजिर जबावी) से अपने एवं अपने परिवार के जीवन स्तर को ऊचा उठा दिया ।

In Opanion: दोस्तो हाजिर जबावी (hajir jawabi kaise bane) एक ऐसा गुण कवालिटी होती है, जिससे लोग तुरंत प्रभावित होते है और यदि ये गुण आपके अदंर है या आपने हाजिर जवाबी का गुण अपने अदंर पैदा कर लिया तो कही ना कही अवसर मिलने पर ये आपको किसी काम में सफलता भी दिलवा सकता है.
              जिस प्रकार एक भिखारी अपनी हाजिर जबावी से राजा से विशेष सलाहाकर बन गया।

 

पॉंज‍िट‍िव बातें 

Readers Choice:

Best Of PositiveBate:

YouTube    :  PositiveBate

Blog          :  Positivebate.com

 E-mail       :  Positivebate@gmail.com

Instagram   : Positivebate18

Facebook   : Positive.bate.16

प्रि‍य दोस्तों यद‍ि आपके पास भी कोई प्रेरणादायक कहानी,स्वंय के अुनभव ज‍िनके माध्‍यम से आप दूसरों की ज‍िदंगी बेहतर बनाने में अपना सहयोग देना चाहते है। तो अपनी कहानी अपने नाम के साथ Positivebate@gmail.com पर भेज दीज‍िऐं,आपकी कहानी आपके नाम के साथ प्रदृश‍ि‍त की जायेगी ।

 

 

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments