दिखावे का फल । dikhawa ka fal hindi kahani best 1

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दिखावे का फल

दिखावे का फल,dikhawa ka fal : एक बार एक नौजवान ने अपने मैनेजमेंट कॉलेज से M.B.A. की उपाधि से अच्‍छे नंबरो से पास की, क्‍येकि वह पढ़ने में काफी अच्‍छा था, इसलिये उसका सलेक्‍शन एक अच्‍छी कंपनी में हो गया था. आज उसके मां-बाप भी काफी खुश थें.

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क्‍योकि उन्‍होने अपने बेटे को मैनेजमेंट की पढ़ाई करवाने के लिये अपनी सारी जमा-पूजी बेच दी थी, वह नौजवान होश‍ियार तो था, परंतु उसकी व्‍यक्‍तित्‍व में एक खामी भी थी, खैर आखिरकार वह लड़का अपने मां-बाप से आशीर्वाद लेकर बस पकड़कर अपनी कंपनी में ज्‍वाइनिग के लिये पहुच गया.

दिखावे का फल,dikhawa ka fal

बडी कंपनी चमचमाती हुई कारो की लाइने, बिल्‍कुल साफ-सुथरा, चिकना फर्श चाहों तो उसमें अपना फेस देख लो, वह नौजवान उत्‍साही कदमो में से कंपनी के मानव संसधान विभाग के पास पहुचा वहां पहुचकर उसने अपना परिचय दिया, उसको कुछ देर वहाँ बैठने के लिये कहा गया, कुछ समय बाद एक आदमी आया और बोला चलिये सर आपको आपका ऑफिस दिखा देता हूं,

इस पर वह नौजवान उस व्‍यक्ति के साथ चल दिया और अपने आफ‍िस में पहुचं गया, वह बहुत खुश था, क्‍योकि इतनी अच्‍छी तनख्‍वाह,बड़ा ऑफिस और जूनियर साथी, वह बिदास होकर अपना सीट पर बैठा था.

दिखावे का फल,dikhawa ka fal

और ऑफिस की हरेक वस्‍तु को निहार रहा था,

क्‍या लाइटे.

क्‍या ऐसी,

चमचमाती हुई टेबिल, लेपटॉंप,

मखमली कॉलीन,

Best Interior वह इन सबमें खोया हुआ था,  कि तभी अचानकर कमरे की घंटी बजी,उसने अपनी आदत के अनुरूप  अपने आपको Busy दिखाने के लिये दिखाने फोन उठा लिया और बात करने का नाटक करने लगा और फिर बोला कमइन

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उसकी permission मिलने पर एक आदमी अंदर आया और वह नौजवान उस आदमी से बात ना करके अपने ऑफिस के फोन पर बात करने का नाटक करता और 2-4 मिनट होने पर उस आदमी की और देखकर बोला कह‍िये क्‍या काम है.

दिखावे का फल,dikhawa ka fal

इस पर उस आदमी ने जबाव दिया सर आपका फोन पिछले 15 दिनों से बंद है, जब से पहले वाले बॉंस यहाँ से गयें है, में इसे ठीक करने आया हूं,

यह सुनकर वह नौजवान युवक बहुत शर्मिदा हुआ और अपनी इस पुरानी आदत (दि‍खावा करना) के कारण आज उसको दिखावे का फल मिल गया था, वह चुपचाप अपनी सीट से उठा और ऑफिस से बाहर चला गया.

दोस्‍तो इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि जब हम कामयाब,सफल होते तो हम अपने आपको बहुत गौरवन्वित करते है, और यह स्‍वभाविक भी है, बहुत मेहनत करने के बाद कामयाबी प्राप्‍त करने पर हमारे अंदर स्‍वाभिमान पैदा होता है.

दिखावे का फल,dikhawa ka fal

परंतु इसके साथ-साथ हमें यह भी ध्‍यान रखना चाह‍िये कि चाहे हम कितने भी सफल क्‍यों ना हो जाएं हमें अनावश्‍यक अंहकार,दिखावा नहीं करना चाहियें. नही तो उस नौजवान की तरह कभी भी शर्मिदा होना पड़ सकता है.

 

 

In Opanion: दोस्‍तो आपको आज की यह कहानी दिखावे का फल,dikhawa ka fal कैसी लगी, क्‍या  आपने इस कहानी दिखावे का फल (dikhawa ka fal) से कुछ मोरल प्राप्‍त किया यदि हां तो आप कमेंट बॉक्‍स के माध्‍यम से आपने अनुभव पाठको के साथ जरूर शेयर करें.

अच्‍छा दोस्‍तो म‍िलते है अगली बार क‍िसी ऐसी ही Inspirational Story,Motivational कहानी के साथ,तब तक के ल‍िये Stay happy,नमस्‍कार,जय हिंद.

warms & regards 

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