दौलत के लालच I Daulat ka lalach I greed moral story 1

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दौलत के लालच I Daulat ka lalach का जिक्र करते हुए कबीर जी ने नवाब बिजली खान पठान को बताया कि दो मित्र एक सफर के लिए रवाना हुए कि किसी न किसी प्राकर से दौलत (greed moral story) प्राप्त करके लाई जाए। रास्ते में एक स्थान पर उनको एक खजाने का पता चल गया और वह उसके पास जाकर बैठ गए।greed moral story.

Daulat_ka_lalach
Daulat ka lalach

पहला कहने लगा: अरे भाई ! मुझे तो यह खजाना मिल गया है, अब मैं आगे क्यों जाऊँ ?

दूसरे ने कहा: कि भाई ! मुझे नहीं, हमें खजाना मिला है। और हम दोनों ही इसके भागीदार हैं।

पहले वाले ने कहा: हाँ भाई ! यह खजाना हम दोनों का ही है और आओ पहले कुछ खाने-पीने का प्रबंधं कर लें। एक जना इस खजाने का पहरा देगा और दूसरा जाकर कुछ खाने-पीने के लिए ले आए।

Daulat-ka-lalach
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दौलत के लालच I Daulat ka lalach

इस फैसले के बाद दोनों मित्रों में से एक खजाने पर पहरा देने और दूसरा बाजार से मिठाई और पूरियाँ, कचोरियाँ खरीदने के लिए चल दिया।

रास्ते में शैतान ने उसके दिल में हलचल पैदा करनी शुरू कर दी। उसने सोचा कि क्यों न दूसरे को मारकर सारा खजाना आप सम्भाल लूँ। इस शैतानी सोच ने उसे नीचता पर उतरने के लिए मजबूर कर दिया।

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उसने मित्र घात करने के लिए बाजार में से जहर लिया और मिठाई में मिला दिया।

दूसरी तरफ ऐसी ही कुछ शैतानी बातें उस मित्र के भी दिमाग में आने लगी जो कि खजाने की देखभाल कर रहा था। वह सोचने लगा कि किस प्रकार से दूसरे को मारकर सारे खजाने का मालिक बना जाए।

दौलत के लालच I Daulat ka lalach

यह सोचकर उनसे तलवार को म्यान से निकाल लिया और एक ऐसे स्थान पर छिपकर खड़ा हो गया जहाँ से वह बाजार से आने पर मित्र पर बड़ी आसानी से वार कर सकता था। जब बाजार गया हुआ मित्र दूर से पूरी कचोरी और मिठाई के साथ आता हुआ दिखाई दिया तो उसने अपने आपको वार करने के लिए तैयार कर लिया।

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पास आने पर उसने अपने मित्र की गर्दन उड़ा दी। मित्र को मारकर वह बड़ा खुश हुआ कि अब सारा खजाना उसका है और अब कोई हिस्सा माँगने वाला भी नहीं है।

उसने मित्र की लाश घसीटकर झाड़ियों में डाल दी। उसको बहुत भूख लगी हुई थी। इसलिए उसने फैसला किया कि पहले कुछ खा पी लिया जाए। यह फैसला करके वह मित्र द्वारा लाई गई पूरियाँ, कचोरियाँ और सारी मिठाई पर भूखे शेर की भाँति टूट पड़ा और सब कुछ खत्म करके ही दम लिया। परन्तु यह क्या खाने में तो जहर था वह तुरन्त वहीं पर खत्म हो गया।

दौलत के लालच । greed moral story

इस प्रकार दौलत के लालच में दोनों मित्रों को मौत से हाथ धोना पड़ा और खजाना वहीं के वहीं धरा रह गया।

कबीर जी की साखियाँ सुनकर नवाब बिजली खान पठान उनके चरणों में गिर पड़ा और गुरू दीक्षा की माँग की।

 

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अच्‍छा दोस्‍तो म‍िलते है अगली बार क‍िसी ऐसी ही Inspirational Story,Motivational कहानी के साथ,तब तक के ल‍िये Stay happy,नमस्‍कार,जय हिंद.

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