दूसरों के गुण को पहचानने का तरीका जाने इस अनोखी कहानी में – Sahi Yogyata ki Sahi Jagah- Right Decision Kaise Le

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दूसरों के गुण को पहचानने का तरीका जाने इस अनोखी कहानी में

Sahi Yogyata ki Sahi Jagah -सही योग्‍यता सही जगह – Right Decision Kaise Le:आज स्‍कूल से आने के बाद लकी काफी खुश था, आज उनके स्‍कूल में टीचर एक सवाल पूछा था कि ऊंट (oont ki kahani) को रेगिस्‍तान का जहाज क्‍यों कहा जाता है. 

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Sahi Yogyata ki Sahi Jagah

हैलो दोस्‍तों,कैसे है आप सभी उम्‍मीद है बहुत बढि़या होगें,स्‍वागत है आपका अपने ब्‍लॉंग पॉजिटव बातें Positivebate.com पर,आज में आपके लिए एक short में कहानी लेकर आया हूॅँँ,जिससे कहीं न कही आपकें परिवारजनों, बच्‍चों पर सकारात्‍मक Positively प्रभाव पडे़गा, मुझे पूरा भरोसा है कि आप अपने बहुमूल्‍य comment कहानियों को देगें और इसे बेहतर बनवाने की दिशा में अपना सुझाव देंगें। 

कहानियां हमारें दुनियॉं को देखने के तरीके में थोड़ा बहुत बदलाव लाने की ताकत रखती है, सही दिशा में थोड़ा सा झुकाव देती है,इन कहानियों के अंदर आपके चेहरें पर मुस्कुराहट लाने की ताकत होती ये स्‍टोरी आपको चकित भी कर सकती हैं।

सही न‍िर्णय कैसे ले- Right Decision Kaise Le

आज स्‍कूल से आने के बाद लकी काफी खुश था,खुुुुश भी कयों ना हो आज उनके स्‍कूल में टीचर एक सवाल पूछा था कि ऊंट (oont ki kahani) को रेगिस्‍तान का जहाज क्‍यों कहा जाता है। क्‍लास में सन्‍नाटा पसर गया किसी को भी उसका जबाव नही आ रहा था Sahi Yogyata ki Sahi Jagah.

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Right Decision Kaise Le

तब नन्‍हें लकी को अपनी नानी के घर पर हुई बात याद आ गयी कि हमारेें यहा जहाज की जरूरत नही होती है हमारा सारा काम तो ऊंटों से हो जाता है, रेगिस्‍तान में जहॉं पैदल चलना मुश्किल हो जाता है ये ऊंट (oont ki kahani) वहॉं बडी कुशलता से सारे काम करता है,इसलिये इसे रेगिस्‍तान का जहाज कहते है,लकी का Excitmetn बढ़ता जा रहा था और आखिरकार रविवार आ गया लकी पूरे रास्‍तें चहकता हुआ जा रहा था उसकी मम्‍मी ने उसको बडी मुश्किल से संभाल रखा था,आखिरकार थोडे समय बाद उनकी गाड़ी चिडियाघर के गेेेट पर पहुुंच गयी.

सही न‍िर्णय कैसे ले- Right Decision Kaise Le

उसके पापा ने  गेट पर जाकर दो टिकट लियें लकी की बेचेन निगाहें चारों तरह ऊंट को ढूढ़ रही थी। ये बात याद आते ही नन्‍हें लकी ने अपना हाथ उठाया और कहा Mam रेगिस्‍तान का जहाज ऊंट(oont ki kahani)को बोलते है.

ये बात सुनते ही टीचर काफी खुश हुई और लक्‍की की योग्यता के लिए सभी बच्‍चों  से ताली बजवाने को कहा सभी बच्‍चों ने लकी के लिए ताली बजायी.इस प्रकार लकी न सही योग्यता का सही जगह (Sahi Yogyata ki Sahi Jagah) प्रयोग किया, इससे लकी काफी अच्‍छा फील कर रहा था,

सही न‍िर्णय कैसे ले- Right Decision Kaise Le

और उसके मन में सचमुच का ऊंट (oont ki kahani) देखने की इच्‍छा पैदा हो गयी स्‍कूल से घर आकर उसने अपनी मम्‍मी से सारी बात बताई.

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Right Decision Kaise Le

तब उसकी मम्‍मी ने उसे शाम को पापा के आने के बाद चिडियाघर ले जाने कावादा किया शाम को लकी के पापा के आने के बाद डिनर के वक्‍त लकी ने पापा को स्‍कूल की पूरी बात बताई तेा पापा बड़े खुश हुए और रविवार को चिडियाघर ले जाने का वादा किया। 

*स्‍वस्‍थ रहने के लिए उपाय

आखिरकार एक जगह चिडियाघर का कर्मचारी उन्‍हें लेकर गया वहॉं ऊंट के दो जोडें थें। लक्‍की काफी देर तक उन्‍हें देखता रहा क्‍योंकि ऊंट की वजह से ही उसकी क्‍लास में वाह-वाही हुई थी। लक्‍की को उसकी हाईट, उभरा हुआ मोटा सा क्‍या है (कूबड़),बड़ी-बड़ी पलके आदि उसके बालमन में काफी प्रश्‍नों को जन्‍म दे रही थी। 

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Sahi Yogyata Sahi Jagah

उसने अपने पापा से पूछा, पापा “ऊंटों में कूल्हे (कूबड़) क्यों हैं? तब उनके साथ आए  कर्मचारी ने बताया बेटा ” ऊंट रेगिस्तानी जानवर हैं इसलिए उसके पास पानी जमा करने के लिए कूल्हे हैं

Sahi Yogyata ki Sahi Jagah – सही योग्‍यता सही जगह 

ताकि वह बहुत कम पानी से जीवित रह सकें।बच्चे ने एक पल के लिए सोचा और कहा, “ठीक है पर……..उसके पैर लंबे और गोल क्‍यों हैं?”  कर्मचारी ने जवाब दिया, “वे रेगिस्तान में चलने के लिए हैं।”लकी ने उत्‍सकतापूर्वक फिर कर्मचारी अंकल से पूछा पर अकंल ऊंट की पलकें इतनी लंबी क्‍यों है,

सही योग्‍यता सही जगह -Sahi Yogyata ki Sahi Jagah

कर्मचारी ने जवाब दिया, “उन लंबी मोटी Eyelashes हवा में उड़ाते समय रेगिस्तान रेत से उनकी आंखों की रक्षा करते हैं। बच्चे ने सोचा और बोला कि जब इनको पानी को स्टोर करना होता हैपैर रेगिस्तान में घूमने के लिए होते हैं और ये बड़ी-बड़ी पलकें रेगिस्‍तान के रेत से इनकी आंखों को बचाती है.

तो इन सब चीज की यहॉं क्‍या आवश्‍यकता मतलब ( Sahi Yogyata ka Sahi Jagah ) प्रयोग होना चाहिए .. इसकी सही योग्यता तो सही टाइम  पर सही जगह ( Sahi Yogyata ka Sahi Jagah )रेगिस्‍तान में ही काम आऐगी ना, 

लकी ने कहा ?  बच्‍चे  की बात सुनकर  लकी के मम्‍मी,पापा एवं कर्मचारी सोच  में पड़ गये …अन्‍जाने में ही उनके छोटे से बच्‍चे ने से जीवन की महत्‍वपूर्ण सीख मिल गयी थी। “

Opanion :-  दोस्तो आज की यह छोटी सी कहानी सही योग्‍यता सही जगह – Sahi Yogyata ki Sahi Jagah- Right Decision Kaise Leआपको आवश्य पंसद आयी होगी औ साथ ही इस कहानी से आपको खुश रहने का मूलमंत्र मालूम  हो गया होगा . कौशल और योग्यता केवल तभी उपयोगी होती है जब आप सही समय पर सही जगह (Sahi Yogyata ka Sahi Jagah) पर हों। अन्यथा वे बर्बाद हो जाते हैं।

 

हमें आपके सुझावों,राय का स्‍वागत करते है. कृप्‍या Comment Box  मे जाकर अपना अनुभव बताये.अच्‍छा दोस्‍तो म‍िलते है अगली बार क‍िसी ऐसी ही Inspirational Post,Motivational कहानी के साथ,तब तक के ल‍िये Stay happy,नमस्‍कार,जय हिंद.

 

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